मूलभूत सुविधाओं को लेकर निवासियों में भारी रोष
महंगे फ्लैट खरीदने के बावजूद नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं
कैमरे पर फूटा स्थानीय लोगों का दर्द
बिल्डिंग जर्जर, लेकिन बिल्डर नहीं दे रहा ध्यान
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 20 दिसंबर। यूं तो गुरुग्राम अपनी ऊंची-ऊंची इमारतों और आधुनिक सोसाइटियों के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया के नक्शे पर अपनी पहचान बना चुका है, लेकिन इसी गुरुग्राम में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने सपनों का आशियाना समझकर महंगे फ्लैट खरीदे और अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है गुरुग्राम के सेक्टर-37 स्थित इम्फिरिया एस्फरा सोसाइटी का, जहां शनिवार सुबह सोसाइटी के निवासी एकत्रित हुए और बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपना दर्द कैमरे पर बयां किया।
स्थानीय निवासी पूरन सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे करीब 8 महीने पहले इस सोसाइटी में शिफ्ट हुए थे, लेकिन यहां आज तक बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गईं।
उनका कहना है कि पार्किंग के लिए बनाई गई बेसमेंट बारिश के मौसम में पूरी तरह पानी से भर जाती है, जहां जहरीले कीड़े और सांप तक दिखाई दे जाते हैं, जिससे हर समय हादसे का डर बना रहता है।
वहीं सोसाइटी के एक अन्य निवासी ज्ञानेंद्र ने बताया कि सोसाइटी की बिल्डिंग अब जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। इमारत के ऊपरी हिस्सों से मलबा गिरता रहता है, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है। तो वहीं सोसाइटी की आरडब्ल्यूए अध्यक्ष रिंकी सिंह ने बताया कि यहां जनरेटर, एसटीपी जैसी मूलभूत सुविधाएं तक पूरी तरह उपलब्ध नहीं हैं। इस संबंध में उन्होंने जिला उपायुक्त कार्यालय, एसटीपी और सीएम विंडो तक शिकायतें दर्ज करवाई हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही।
रिंकी सिंह ने आगे बताया कि रेरा कोर्ट की ओर से इस साल 22 अप्रैल को ही बिल्डर को सोसाइटी का हैंडओवर आरडब्ल्यूए को करने के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद बिल्डर जानबूझकर हैंडओवर नहीं कर रहा है। उनका आरोप है कि बिल्डर निवासियों के ही पैसे से उनका शोषण कर रहा है।
सोसाइटी के लोग वाकई बहुत गंभीर आरोप बिल्डर पर लगा रहे हैं, क्योंकि अपने आशियाने को बेहतर बनाने के लिए हर इंसान पुरजोर कोशिश करता है लेकिन जब कोशिशें विफल हो जाती हैं तो दर्द होना लाजमी है बहरहाल देखने वाली बात ये है कि आखिर कौन इन लोगों का दर्द समझ कर इन्हें इनकी परेशानियों से निजात दिलाने का जिम्मा उठाता है।



