
गुरुग्राम में 400 नई इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जाएंगी
अधिकारियों को विकास की गति तेज करने के निर्देश
जलभराव से निपटने के लिए योजना बनाने के निर्देश
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 23 अप्रैल। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 31 मई के बाद गुरुग्राम में कुल 670 एमएलडी जलापूर्ति की जाएगी। इसके लिए आज उनके द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए ताकि गर्मी के मौसम को देखते हुए लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में 400 नई इलेक्ट्रिक बसें भी संचालित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री आज यहां गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण की 14वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। आज की बैठक में विकास की गति को तेज करने के लिए लगभग 3034.82 करोड रुपये के बजट को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक तेजपाल तंवर, बिमला चौधरी और मुकेश शर्मा भी उपस्थित रहें।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में विकास को तेजी से करने के लिए चल रहे कार्यों की गति को तेज किया जाए, ताकि लोगों को समयबद्ध तरीके से सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
जीएमडीए की पिछली बैठक के संबंध में लिए गए निर्णयों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कूड़ा-कचरा उठाने वाली कंपनी इकोग्रीन को एक नया नोटिस भेजा जाए और उसकी प्रॉपर्टी अटैच करके सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार रेनवाटर हारवेस्टिंग के बारे में जानकारी हासिल करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि आगामी 10 दिन के अंदर-अंदर टेंडर करें और कार्यवाही अमल में लाए।
मुख्यमंत्री ने नजफगढ ड्रेन के साथ लगते हुए गांवों में जलभराव की समस्या पर चिंता जताई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बारे में ठोस योजना बनाई जाए ताकि जलभराव से निजात मिल सकें। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वजीराबाद में बनाए जाने वाले स्टेडियम का कार्य आरंभ कर दिया गया है और आगामी जून-2026 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में बनाए जाने वाले 700 बिस्तर के अस्पताल पर भी समीक्षा की और इस संबंध में की जा रही कार्यवाही को आगे बढाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में बनाए जाने वाले बस अड्डे के कार्य की समीक्षा की और अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि आगामी एक माह के भीतर बस अड्डे के लिए टेंडर लगा दिया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में बस अड्डा बनाया जाना बहुत जरूरी है और वर्तमान बस अड्डे का प्रयोग किया जाना चाहिए, उसके लिए योजना तैयार की जाए।
इसी तरह, मुख्यमंत्री को बताया गया कि सेक्टर 45-46-51-52 में लगभग 52 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाईओवर बनाए जाएंगे और इस बारे में 31 मई तक टेंडर लगा दिए जाएंगे। ऐसे ही सेक्टर 85-86-89-90 के जंक्शन में भी फ्लाईओवरों का निर्माण किया जाएगा, जिस पर 59 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इस परियोजना की डीपीआर 30 अप्रैल तक सौंप दी जाएगी।
ताऊ देवी लाल स्टेडियम
गुरुग्राम में ताऊ देवीलाल स्टेडियम के अपग्रेडेशन के लिए लगभग 634 करोड रूपए की प्रशासनिक मंजूरी दी गई और इसके सुदृढीकरण के लिए अध्ययन किया जा रहा हैं।
सड़कों का होगा सुदृढीकरण, ट्रीटमेंट प्लांटों की बढाई जाएगी क्षमता
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वाटिका चौक से एनएच 48 सीपीआर तक एसपीआर सड़क का अपग्रेडेशन किया जाएगा तथा इस परियोजना की डीपीआर 30 जून तक सौंप दी जाएगी। इसी प्रकार वर्तमान मुख्य पंम्पिग स्टेशन, धनवापुर के सुदृढीकरण के लिए लगभग 116 करोड रुपये की मंजूरी दी गई और इस कार्य का टेंडर 30 अप्रैल तक आंमत्रित किया जाएगा। वहीं 100-100 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, चंदू और बसई का निर्माण भी किया जाएगा तथा सेक्टर 76-80 में मास्टर स्ट्राम वाटर ड्रेनेज सिस्टम को बिछाने के लिए लगभग 119 करोड रुपये के टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि 120 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, बहरामपुर और 100 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, धनवापुर के लिए टेंडर किए गए हैं। इसके अतिरिक्त सैक्टर 107 में 100 एमएलडी के दो एसटीपी निर्मित किए जाएंगे।
सुगम यातायात के लिए बनेगे ग्रेड सेपरेशन ओवरलेंपिंग
बैठक में बताया गया कि मेट्रो कोरिडोर पर बख्तावर चौक पर अंडरपास तथा पांच ग्रेड सेपरेशन ओवरलेपिंग बनाए जाने का फैसला आज की बैठक में लिया गया है जिस पर लगभग 350 करोड रुपये खर्च होंगे। इसी प्रकार सेक्टर डिवाइडिंग रोड 78-80, नोरंगपुर रोड पर 41.81 करोड रुपये की लागत से 84 मीटर की मास्टर सेक्टर रोड बनाई जाएगी। ओल्ड दिल्ली रोड से रेजांगला चौक तक मास्टर वाटर ड्रेन तथा अशोक विहार से रेलवे कल्वर्ट नंबर 50 तक मास्टर वाटर ड्रेन का निर्माण किया जाएगा और इन ड्रेनस का निर्माण भविष्य में आबादी को देखते हुए किया जाएगा जोकि 4.20 किलोमीटर लंबी होंगी और 70 करोड रुपये खर्च किए जाएंगे।
शहर की पुरानी पाइपलाइन बदली जाएगी, सीवरेज सिस्टम होंगे सील्टफ्री
आज की बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि भविष्य की मांग को देखते हुए 1300 एमएम की एमएस पाइपलाइन को बदला जाएगा, जोकि 11.5 किलोमीटर लंबी होगी और जिस पर लगभग 110 करोड रुपये लागत आएगी। इसी प्रकार, 134 करोड रुपये की लागत से ओल्ड मास्टर सीवर लाइन का सुदृढीकरण और सीवरेज सिस्टम को सील्टफ्री किया जाएगा। इसी तरह से दिल्ली-रेवाडी रेललाइन पर मास्टर वाटर सप्लाई लाइन पर तीन कल्वर्ट अंडर रेलवे लाइन बनाए जाएंगे, जिस पर 52 करोड रुपए की राशि खर्च होगी।
इसी प्रकार से विभिन्न अन्य परियेाजनाओं के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द कार्य आरंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए और परियोजनाओं को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
आज की बैठक में चण्डीगढ से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, जीएमडीए के प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्यामल मिश्रा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त विकास गुप्ता, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोडा, गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा, मानेसर की मेयर डा इंद्रजीत कौर यादव, नगर निगम के आयुक्त अशोक गर्ग, गुरुग्राम के उपायुक्त अजय कुमार, आईएएस अधिकारी वैशाली सिंह और रेनू सोगन सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।