गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. संजय कौशिक ने किया शुभारंभ सत्र को संबोधित
गुरुग्राम में तीन दिन तक भारत के खेल विकास पर होगी सार्थक चर्चा
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 10 अक्टूबर। भारत में खेलों के विकास पर चर्चा को लेकर अंतरराष्ट्रीय खेल अभियांत्रिकी सम्मेलन (आईसीएसई) 2025 का आज उद्योग विहार स्थित होटल रेडिसन में शुभारंभ हुआ। तीन दिन 12 अक्टूबर तक चलने वाले इस सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय कौशिक ने संबोधित किया। सम्मेलन में उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविद्ों और खेल समर्थकों ने भारत के खेल विकास पर गहन मंथन किया और पहले दिन अनेक विषयों पर पैनल डिस्कशन आयोजित हुए, जिनमें भारत में खेल संस्कृति के निर्माण और वैश्विक सहयोग पर विशेष जोर दिया गया।
कुलपति डॉ. संजय कौशिक ने भारतीय खेलों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय परस्पर क्रियाओं की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं विशिष्ट अतिथि अर्जुन पुरस्कार विजेता राजकुमार संगवान ने भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को निखारने वाले सार्थक सहयोगों पर प्रसन्नता व्यक्त की।

पहले दिन इन विषयों पर हुई चर्चा
महिला एथलीटों का प्रभाव विषय पर पद्मश्री डॉ. सुनील डबास ने बताया कि देश की कुल महिला एथलीटों में से केवल 5-6 प्रतिशत ने अब तक भारत के 44 प्रतिशत पदक हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को खेलों में और अधिक अवसर तथा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने और भारतीय पारंपरिक खेलों को ओलंपिक जैसे वैश्विक मंचों पर स्थान दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी सांझा किए अपने अनुभव
तीन दिवसीय सम्मेलन में मलेशिया, दुबई, कोरिया, स्पेन और बार्सिलोना के प्रोफेसरों ने अपने अनुभव साझा किए और खेल विकास में वैश्विक सहयोग के महत्व पर बल दिया। वहीं खेल संस्कृति को लेकर प्रो. राव, प्रो. महेश, शिव नरेश स्पोर्ट्स और अनुपमा ने भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खेल उपकरण निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में कार्य करने पर जोर दिया।
आईआईटी के शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए अपने रिसर्च पेपर्स
इसके साथ ही आईआईटी खड़गपुर, मद्रास और रुड़की से आए शोधार्थियों ने अपने रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत किए, जिनमें एआई और आधुनिक तकनीक के माध्यम से खेल क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। तीन दिवसीय यह सम्मेलन शिक्षा, उद्योग और खेल जगत के बीच समन्वय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। बिट्स पिलानी द्वारा प्रायोजित इस सम्मेलन में द्रोणाचार्य कॉलेज सह-आयोजक है।



