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गुरुग्राम, 12 अक्टूबर। पुलिस उपायुक्त यातायात डॉ. राजेश मोहन ने शनिवार को आमजन की सुविधा और उनके कीमती समय को ध्यान में रखते हुए लंबित चालानों के भुगतान करने के लिए एम्बियन्स मॉल गुरुग्राम में देश की पहली कियोस्क मशीन का उद्घाटन किया। इस विशेष आयोजन में पुलिस उपायुक्त यातायात डॉ. राजेश मोहन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का आयोजन नारायण हॉस्पिटल, Therefor Charitable Trust और एंबिएंस मॉल के प्रबंधन द्वारा किया गया। इस आयोजन के दौरान 8 Traffic Hero, डायरेक्टर नारायण हॉस्पिटल डॉक्टर अजय कोहली, Therefor Founder सुमन राय, Mr Vijay AIMA प्रेजिडेंट एंबिएंस मॉल ग्रुप, Vinay Prashar Founder Verge, Sumit Pal Singh Founder Everge, यातायात निरीक्षक नीरज कुमार, यातायात निरीक्षक आसीन खान, यातायात पुलिस अधिकारियों व कर्मिचारियों समेत मॉल में आए काफी लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान यातायात पुलिस गुरुग्राम द्वारा ट्रैफिक हीरो के रूप में चयनित किए गए 8 ट्रैफिक हीरो को पुलिस उपायुक्त यातायात ने प्रशंसा-पत्र देकर और नारायण हॉस्पिटल की ओर से गिफ्ट हैंपर देकर उनको सम्मानित किया।
पुलिस उपायुक्त यातायात ने मौजूद सभी लोगों को यातायात नियमों की पालना करने बारे जागरूक गया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बतलाया कि पूरे भारतवर्ष में सड़क मार्गों पर हादसों के दौरान लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। प्रत्येक जीवन बहुमूल्य है। हम सबको यातायात नियमों की पालना करनी चाहिए और ये सभी जानकारियां अपने साथियों, परिवार के लोगों के साथ साझा करनी चाहिए और यातायात नियमों की पालना करने के बारे में उनको भी प्रेरित करना चाहिए, ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके और लोगों का सफर भी सुरक्षित व सुगम होगा। ‘चालान नहीं सलाम मिलेगा’ अभियान की शुरुआत लोगों का Behaviour Change करने के लिए की गई है, ताकि लोग इससे प्रेरित हो और भविष्य में दोबारा वाहन चलाते समय यातायात नियमों की अवहेलना न करें। इससे न केवल लोगों को आर्थिक हानि से छुटकारा मिलेगा बल्कि एक मजबूत और जागरूक समाज के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
CSR के तहत यातायात पुलिस गुरुग्राम पुलिस द्वारा चालान भुगतान को आसान बनाने के लिए एंबियंस मॉल में एक कियोस्क स्थापित किया है। यह देश का पहला क्यूआर कोड आधारित कियोस्क है, जिससे वाहन चालक किसी भी समय आसानी से अपने बकाया चालानों की इसके द्वारा जानकारी लेकर उन लंबित चालानों का भुगतान भी कर सकेंगे। इसमें वाहन का नंबर डालकर क्यूआर कोड स्कैन करके चालान का भुगतान किया जा सकता है। 90 दिनों से अधिक समयावधि या न्यायालय में भेजे चालानों का भुगतान इसके द्वारा नहीं होगा। जरूरत के अनुसार भविष्य में CSR के तहत और कियोस्क मशीनों को अन्य स्थानों पर भी लगाया जाएगा।
चालान भुगतान की प्रक्रिया को आसान और डिजिटल बनाने के लिए गुरुग्राम पुलिस की ओर से इस कियोस्क को लगाकर एक अनोखी पहल की गई है। इसके साथ ही देश में पहली बार क्यूआर कोड आधारित कियोस्क मशीनों के जरिए ट्रैफिक चालान का भुगतान शुरू होगा। यह सुविधा वाहन चालकों को समय और खर्च बचाने में मदद करेगी। इससे चालान भुगतान की प्रक्रिया सरल और त्वरित हो जाएगी। यह प्रणाली एटीएम मशीनों की तरह यूजर फ्रेंडली होगी। एंबियंस माल जैसे व्यस्त स्थान पर यह सुविधा शापिंग के लिए आने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
पुलिस उपायुक्त यातायात डॉ. राजेश मोहन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद शहर के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी ऐसे कियोस्क स्थापित किए जाएंगे। यह पहल न केवल ट्रैफिक पुलिस के कार्यभार को कम करेगी, बल्कि नागरिकों को डिजिटल तकनीक के माध्यम से बेहतर सेवा प्रदान करेगी।



