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गुरुग्राम, 16 अक्टूबर। गुरुग्राम प्रोग्रेसिव स्कूल्स काउंसिल (जीपीएससी) की बैठक मंगलवार को ब्लू बेल्स मॉडल स्कूल में संपन्न हुई। इस बैठक में जीपीएससी के 51 सदस्य विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।
सीबीएसई सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स एक ऐसा समूह है जो विद्यालय शिक्षा के सभी पहलुओं-पाठ्यक्रम निर्माण, मूल्यांकन, शिक्षण विधि एवं शिक्षकों व विद्यार्थियों के समर्थन सेवाओं- में नवाचारों को साझा करने के उद्देश्य से कार्यरत है।

बैठक के मुख्य अतिथि एवं संसाधन व्यक्ति डॉ. बिस्वजीत साहा, निदेशक (कौशल शिक्षा, सीबीएसई, नई दिल्ली) रहे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए विद्यालयों में कौशल शिक्षा के महत्व पर बल दिया तथा कौशल बोध पुस्तकों को कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे इस सत्र में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ कर अगले सत्र से नियमित रूप में लागू किया जाए।
आर.पी. सिंह, संयुक्त सचिव (कौशल शिक्षा) ने कौशल बोध की संकल्पना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। वहीं सतीश पहल, उप सचिव (कौशल शिक्षा एवं डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) ने विद्यालय पाठ्यक्रम में कौशल बोध को शामिल करने के महत्त्व पर अपने विचार रखे।
बैठक में जीपीएससी के संस्थापक सदस्यों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अलका सिंह चेयरपर्सन जीपीएससी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया। पिछले सामान्य निकाय की बैठक की कार्यवाही की पुष्टि सुश्री रितु बेदी द्वारा प्रस्तुत की गई।
डॉ. नीलिमा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि संदीपा राय, उपाध्यक्ष जीपीएससी ने सभी प्राचार्यों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए प्रेरणादायक शब्दों में उनकी प्रशंसा की।
बैठक के दौरान उपस्थित प्राचार्यों एवं शिक्षकों ने कौशल बोध के प्रभावी क्रियान्वयन एवं भविष्य की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया।
यह बैठक अत्यंत सूचनाप्रद, प्रेरणादायी और सुव्यवस्थित रही, जिसने सभी प्रतिभागियों को कौशल आधारित शिक्षा की दिशा में एक नई दृष्टि प्रदान की।



