
लगभग साढ़े तीन करोड़ का ठेका, टेंडर आमंत्रित, तय किए मापदंड
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 6 जनवरी। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण को लेकर तकनीकी जांच अनुभवी कंपनी करेगी। तकनीकी जांच के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। इसके लिए
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने टेंडर आमंत्रित किया है। जिसमें कंपनी के चयन के लिए मापदंड तय किए गए हैं। तय मापदंडों में कंपनी को कम से कम 13 किलोमीटर मेट्रो, रेल या हाई स्पीड रेल की तकनीकी जांच का अनुभव जरूरी है। इसके अलावा कंपनी को 10 एलिवेटिड स्टेशन और छह भूमिगत स्टेशन के निर्माण की जांच का तकनीकी अनुभव भी जरूरी है। टेंडर में इसके लिए अलावा रखी शर्त के अनुसार आवेदक कंपनी को कम से कम 10 साल का अनुभव होना आवश्यक है। टेंडर की अंतिम तिथि 27 जनवरी है। अगले महीने टेंडर के आधार पर अनुभवी कंपनी का चयन किया जाएगा।
जीएमआरएल ने टेंडर के तहत 3.45 करोड़ रुपये आरक्षित कीमत रखी है। कंपनियों को अनुभव के साथ-साथ बोली लगानी होगी। सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो की तकनीकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ये कंपनी विस्तृत डिजाइन सलाहकार सिस्टा कंपनी की तरफ से 27 मेट्रो स्टेशन के निर्माण को लेकर तैयार नक्शों की जांच करेगी। यह देखेगी कि निर्माण में कितना सीमेंट, स्टील या अन्य सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। जांच के बाद यह कंपनी अपनी मुहर इन नक्शों पर लगाएगी, जिसके पश्चात मेट्रो स्टेशन के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। इस तरह यह कंपनी करीब 28.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो में खड़े होने वाले पिलर और ऊपरी ढांचे में इस्तेमाल सामग्री की भी समय-समय पर जांच करेगी। इस कंपनी को 48 महीने यानि चार साल के लिए नियुक्त किया जाएगा।
इन स्टेशनों के बीच सबसे अधिक दूरी
27 मेट्रो स्टेशन में सबसे अधिक दूरी सेक्टर-नौ मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-101 मेट्रो स्टेशन के बीच होगी। ये दूरी 1784 मीटर की होगी। वहीं, सबसे कम दूरी उद्योग विहार और साइबर सिटी के बीच होगी। ये दूरी करीब 759 मीटर रहेगी। हालांकि अभी तक सिस्टा कंपनी ने मेट्रो स्टेशन के लिए जगह निर्धारित नहीं की है, लेकिन इस दूरी के आसपास मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। ये सभी मेट्रो स्टेशन एलिवेटिड तैयार किए जाएंगे।
एक मई से ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो को शुरू करने की तैयारी
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना के तहत एक मई से निर्माण कार्य जीएमआरएल को शुरू करना है। ऐसे में सामान्य सलाहकार की इस सप्ताह में नियुक्ति होने की उम्मीद है। आठ कंपनियों ने इस टेंडर के तहत आवेदन किया है। विस्तृत सलाहकार कंपनी की सलाह के बाद सामान्य सलाहकार की तरफ से टेंडर से जुड़े कागजात तैयार किए जाएंगे। दो चरणों में मेट्रो का निर्माण किया जाएगा। इसमें पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर-नौ तक मेट्रो स्टेशन तैयार होंगे, जबकि दूसरे चरण में सेक्टर-नौ से लेकर साइबर सिटी तक मेट्रो का संचालन किया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक मई से मेट्रो संचालन के आदेश जारी किए हैं।