
फिरोजपुर झिरका तहसील कार्यालय के अंर्तगत् 60 गांव, 15 पटवार सर्कल
केवल पांच पटवारियों पर सारा कार्यभार
भू-स्वामियों को करना पड़ेगा परेशानी का सामना
फिरोजपुर झिरका, 20 जनवरी। फिरोजपुर झिरका के पटवारियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिरोजपुर झिरका तहसील के पटवारियों ने अतिरिक्त पटवार सर्कलों का कार्यभार छोड़ दिया है। जिससे काफी गांवों के किसानों को परेशानी का सामना करना पडे़गा। पटवारियों ने साफ कह दिया कि पटवार घर के बाहर बोर्ड लगवाया जाएगा, जिस पर लिखा जाएगा कि कोई भी प्राइवेट व्यक्ति उनके पास काम नहीं करेगा।
बता दें, फिरोजपुर झिरका तहसील के अंर्तगत् कुल 60 गांव हैं। जबकि 15 पटवार सर्कल हैं। लेकिन फिरोजपुर झिरका में मात्र पांच पटवारी अंजुम, जितेंद्र, जावेद, परवेज और नरेश कार्यरत हैं। यानि कि पांच पटवारियों के पास 60 गांवों के 15 पटवार सर्कलों का कार्यभार था। लेकिन अब गुस्साए पटवारियों ने केवल अपने-अपने पटवार सर्कल में ही काम करने की निर्णय लिया है। इसी तरह से फिरोजपुर झिरका तहसील कार्यालय के दस पटवार सर्कलों के लगभग 40 गांवों के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के जिला महासचिव अंजुम पटवारी ने बताया कि जिले के सभी पटवारियों ने अतिरिक्त पटवार सर्कलों का चार्ज आज छोड़ दिया है। वे केवल अपने-अपने पटवार सर्कल का काम करेंगे। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि पटवार भवन के बाहर मंगलवार को बोर्ड लगवा दिया जाएगा कि अब पटवारियों के पास कोई प्राइवेट व्यक्ति काम नहीं करेगा।
उन्होंने लोगों से कहा कि किसी भी निजी व्यक्ति या दलाल किस्म के व्यक्ति को पटवारियों के नाम का एक भी रुपया ना दें और ना ही उनको अपनी जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज सौंपे। उनका यदि पटवारियों से संबंधित कोई कार्य है तो वे सीधा ही पटवारियों से मिलकर कार्य करवाएं। यदि कोई व्यक्ति पटवारियों के नाम पर किसी से पैसे लेता है तो उसकी शिकायत वे उच्चाधिकारियों से करें।
फिरोजपुर झिरका के नायब तहसीलदार बलविंद्र सिंह ने कहा कि पटवारियों ने अतिरिक्त पटवार सर्कल का कार्यभार छोड़ दिया है। उनको हिदायत दी गई है कि वे पटवार भवन में एक तो सरकारी फीस की सूची लगाएं, दूसरा कोई प्राइवेट व्यक्ति उनके पास काम नहीं करेगा, इसका बोर्ड लगवाएंगे। यदि कोई व्यक्ति पटवारियों के नाम के किसी से पैसे मांगता है तो वह उसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करें। ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ समय रहते कार्रवाही की जा सके।