
गुरुकुल शिक्षा पद्धति व्यक्तित्व निर्माण में सहायक
संस्कारों को मजबूती प्रदान कर रही गुरुकुल परंपरा
झज्जर गुरुकुल महाविद्यालय के 109वें दो दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में कई राजनेताओं ने की शिरकत
Bilkul Sateek News
झज्जर (विनीत नरूला), 23 मार्च। गुरुकुल महाविद्यालय झज्जर में चल रहे दो दिवसीय 109वें वार्षिक उत्सव और 23वें स्वामी ओमानंद सरस्वती स्मृति दिवस कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को कई राजनेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की। सहकारिता एवं जेल मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने इस मौके पर कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति में नई शिक्षा नीति का समावेश आने वाली पीढ़ी के लिए हितकारी है। गुरुकुल की परंपरा हमारे संस्कारों को मजबूती प्रदान कर रही है। गुरुकुल हमारी प्राचीन वैदिक शिक्षा प्रणाली के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षा, संस्कार एवं ज्ञान के केंद्र गुरुकुल समाज में सकारात्मकता का भाव भर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुकुल परिसर में आर्य जगत के महापुरुषों के साथ-साथ वीर शहीदों से जुड़ी वस्तुओं का यह अनूठा संग्रह है। उन्होंने गुरुकुल महाविद्यालय के विकास के लिए अपने कोष से 11 लाख रुपये देने की घोषणा की।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि स्वामी दयानंद ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार और ज्ञान से उजाला करने को समर्पित कर दिया। उनकी सुधारवादी विचारधारा से ही स्वदेशी और स्वराज मंत्र मिला। स्वामी दयानंद के इसी मंत्र से प्रेरित होकर देश की आजादी के लिए अनेक देशवासियों ने त्याग और बलिदान दिया। धनखड़ ने शहीदी दिवस पर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुख्देव को नमन किया । इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विकास वाल्मीकि, जिप चेयरमैन कप्तान सिंह बिरधाना, स्वामी सुमेधानंद, स्वामी प्रणवानंद, गुरुकुल झज्जर के कुलपति डॉ. योगानंद शास्त्री, डॉ. सुरेंद्र कुमार हुड्डा, स्वामी विरजानंद, आचार्य देवव्रत, प्रधान महेंद्र सिंह धनखड़और मंत्री राजबीर छिकारा भी उपस्थित थे।