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सैनी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की निविदा राशि वाली प्रमुख सिंचाई और जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा की
इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ाना, सिंचाई दक्षता में सुधार करना
तेजी से काम पूरा करने के लिए निरंतर निगरानी, अंतर-विभागीय समन्वय और हितधारक जुड़ाव को दी जा रही प्राथमिकता
Bilkul Sateek News
चंडीगढ़ 16 जून। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार सिंचाई एवं जल ढांचे को मजबूत करने के लिए दृढ़ एव ठोस कदम उठा रही है, जिसके तहत सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अंतर्गत् पांच प्रमुख परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं, जिनमें से प्रत्येक में 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ाना, सिंचाई दक्षता में सुधार करना शामिल है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज यहां सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि परियोजनाओं की इंजीनियरिंग ड्राइंग में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। ड्राइंग के अनुमोदन में देरी के चलते परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होता है। उन्होंने ड्राइंग में अनुमोदन में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने परियोजनाओं में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता में किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा।
सैनी ने कहा कि दादूपुर से हमीदा हेड तक नई समानांतर लाइन चैनल (पीएलसी) और डब्ल्यूजेसी का आधुनिकीकरण 274.87 करोड़ रुपये के साथ किया जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य गैर-मानसून अवधि के दौरान हथिनीकुंड बैराज से होने वाले रिसाव के नुकसान को कम करना है। अब तक 64.5 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। परियोजना को मार्च, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूजेसी ब्रांच (75.25 किमी) तक ऑग्मेंटेशन नहर का पुनर्निर्माण 383 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस परियोजना का 81 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इस महीने तक पूरा होने की संभावना है। इसी प्रकार पीडी ब्रांच (मुनक से खुबडु हेड) की लाइनिंग और रीमॉडलिंग का कार्य 197.80 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत् 145.25 किलोमीटर में कंक्रीट लाइनिंग का कार्य शामिल है।
उन्होंने कहा कि 145.99 करोड़ रुपये की लागत वाली हथिनीकुंड बैराज के डाउनस्ट्रीम में डायाफ्राम वॉल के निर्माण की संरचनात्मक सुरक्षा परियोजना का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार, गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (एनपीसीआईएल) के तहत गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को पानी की आपूर्ति के लिए 442.64 करोड़ रुपये की लागत से आरसीसी बैरल और लिंक चौनल का निर्माण किया जा रहा है। इसका अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है।
सैनी ने कहा कि मानसून 2025 के लिए सिंचाई विभाग ने मानसून के दौरान निर्बाध जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अल्पकालिक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। इसमें हथिनीकुंड बैराज पर अस्थायी सुरक्षात्मक कार्य और महत्वपूर्ण नहरों में निर्वहन क्षमता को अधिकतम करना शामिल है। हरियाणा सरकार इन मेगा-प्रोजेक्ट्स के समय पर क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है, जो राज्य की जल सुरक्षा और कृषि स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। चुनौतियों पर काबू पाने और तेजी से काम पूरा करने के लिए निरंतर निगरानी, अंतर-विभागीय समन्वय और हितधारक जुड़ाव को प्राथमिकता दी जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, ईआईसी सतबीर कादियान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।