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गुरुग्राम, 16 जून। दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम में एक समय टैक्सी व ट्रक चालकों के लिए मौत का पर्याय बने डॉ. डेथ उर्फ डॉ. देवेंद्र शर्मा के एक गुर्गे को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है। हत्यारोपी पिछले 21 साल से पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। हत्यारोपी ने गुरुग्राम में दो हत्याओं को अंजाम दिया था। गुरुग्राम में 20 साल पहले हुई ड्राइवरों की हत्या के मामले में सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उम्रकैद की सजा हुई थी।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से डॉ. डेथ के सहयोगी राजेंद्र उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है। राजेंद्र पर हत्या, अपहरण और डकैती के मामलों समेत 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजेंद्र दिल्ली और गुरुग्राम में दर्ज चार हत्या के मामलों में वांछित है, जिनमें उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। सभी संबंधित पुलिस स्टेशनों को उसकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान राजेंद्र ने गुरुग्राम में भी दो लोगों की हत्या करने की बात कबूली है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच आदित्य गौतम ने बताया कि राजस्थान के दौसा से देवेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने राजेंद्र के बारे में बताया था। राजेंद्र डॉ. डेथ के गिरोह से 2003-2004 तक जुड़ा हुआ था।
इस सुराग के बाद इंस्पेक्टर राकेश कुमार और एसीपी एनडीआर उमेश बर्थवाल की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई। जिसमें एसआई अमित ग्रेवाल, एएसआई कृपाल और एचसी राहुल, दिनेश, रवींद्र, सत्यवान, सुखबीर और नहांजी शामिल थे। इस टीम ने अलीगढ़, गुरुग्राम, जयपुर और दिल्ली में गोपनीय पूछताछ की और खुफिया जानकारी हासिल की। इसके बाद राजेंद्र को अलीगढ़ के कासिमपुर से ढूंढ निकाला, जहां वह एक कमरे में छिपा हुआ था और एक स्थानीय पंप हाउस में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहा था।
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में राजेंद्र ने खुलासा किया कि वह अलीगढ़ का रहने वाला है और एक किसान के रूप में काम करता है। 2003 में एक विवाद के बाद वह देवेंद्र शर्मा के गिरोह में शामिल हो गया। गिरोह टैक्सी और ट्रक चालकों को अपनी सेवाएं देकर लालच देता था, बाद में उनकी हत्या कर देता था और लाशों को ठिकाने लगा देता था। बाद में उनके वाहनों को ग्रे मार्केट में बेच दिया जाता था।
मालूम हो कि डॉ. डेथ उर्फ देवेंद्र शर्मा को 19 मई को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया गया था। कुख्यात सीरियल किलर और आयुर्वेद चिकित्सक शर्मा को ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है। गुरुग्राम में हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए डॉ. डेथ (67) को उत्तर प्रदेश के कासगंज में मगरमच्छों से भरे हजारा नहर में पीड़ितों की लाशों को फेंकने के लिए जाना जाता है।
डॉ. डेथ को दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में हत्या के सात अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। यहां तक कि गुरुग्राम की एक अदालत ने एक मामले में उसे मृत्युदंड की सजा भी सुनाई थी। पुलिस का मानना है कि वह 50 से अधिक हत्याओं में शामिल था। देवेंद्र शर्मा और राजेंद्र फर्जी यात्री बनकर ड्राइवरों को फंसाते थे, उसके बाद उनकी हत्या कर देते थे और उनके वाहनों को बेच देते थे। सबूत मिटाने के लिए लाशों को नहर में फेंक दिया जाता था जिसमें मगरमच्छ रहते थे।
डीसीपी ने बताया कि डॉ. डेथ ने 1990 और 2000 की शुरुआत में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का गिरोह भी चलाया था। उसने डॉक्टरों और दलालों की मदद से 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट कराने की बात कबूल की है।