
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली, 7 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व IAS अधिकारी मुरारी लाल तायल और उनके परिवार से जुड़ी 9 अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से कुर्क किया है। इसके साथ ही बैंक खातों की 14.06 करोड़ रुपये की संपत्ति भी फ्रीज की गई है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है। ईडी ने चंडीगढ़, नई दिल्ली और गुरुग्राम में स्थित कुल 9 अचल संपत्तियां अटैच की हैं। जिनमें 2 मकान और 7 फ्लैट शामिल हैं।
यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है, जिसमें हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे तायल (सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी) के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) चंडीगढ़ द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी।
एफआईआर के अनुसार, एम.एल. तायल ने 1 जनवरी 2006 से 31 दिसंबर 2014 के बीच – जब वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव (2005-2009) और बाद में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के सदस्य (2009-2014) के पद पर रहे। तब अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। इस दौरान उनके और उनके परिवार के सदस्यों पत्नी सविता तायल और बेटे कार्तिक तायल की आर्थिक गतिविधियों, आयकर विवरण और शेयर बाजार निवेश की गहन जांच की गई।
ED ने सोमवार को इसको लेकर सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डाली। पोस्ट के मुताबिक 30 जून को अटैच की गई अचल संपत्तियों में 2 घर और 7 अपार्टमेंट शामिल हैं। ये कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई है।
2005 से 2009 तक बतौर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पहले कार्यकाल में ML तायल उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे। उस समय पूरे प्रदेश में तायल की तूती बोलती थी। 2009 में तायल के रिटायर हो जाने के बाद केंद्र की तत्कालीन UPA सरकार ने उन्हें 5 साल के लिए कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) में नियुक्त कर दिया था। केंद्र में नियुक्ति पाने के बाद भी 2009 से 2014 तक हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में भी तायल हरियाणा में पावरफुल रहे।
2014 में केंद्र व हरियाणा में कांग्रेस की सरकार जाने और BJP के सत्ता संभालने के बाद हुड्डा के साथ-साथ तायल की मुश्किलें भी बढ़नी शुरू हो गईं थीं। CBI ने 12 अगस्त 2015 को गुरुग्राम के मानेसर जमीन घोटाले में FIR दर्ज की थी। इसी केस को लेकर उस समय CBI ने हरियाणा के कई बड़े अफसरों के यहां रेड की थी। इन अफसरों में एक नाम ML तायल का भी था।
मानेसर जमीन घोटाले में FIR होने के लगभग 2 साल बाद 2017 में CBI ने आय से अधिक प्रॉपर्टी अर्जित करने के आरोप में तायल, उनकी सविता तायल और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अलग से FIR दर्ज की। हालांकि यह FIR भी मानेसर जमीन घोटाले में की गई इन्वेस्टिगेशन के दौरान मिले सबूतों के आधार पर दर्ज की गई।
तायल की पत्नी सविता तायल 2012 में सरकारी कॉलेज से बतौर प्रिंसिपल रिटायर हुईं। इसके बाद उन्हें हुड्डा सरकार ने हरियाणा लोकसेवा आयोग (HPSC) का मेंबर बना दिया। वह 2016 में HPSC से रिटायर हुईं।