
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे उन दवा विक्रेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, जो बिना वैध पर्चे के प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री में शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने यह आदेश सीबीआई द्वारा प्रस्तुत एक अंतरिम स्थिति रिपोर्ट के जवाब में जारी किया है, जिसमें चिंताजनक खुलासे किए गए हैं।
सीबीआई की रिपोर्ट में उजागर किया गया है कि कई दवा विक्रेता कानून का उल्लंघन करते हुए बिना डॉक्टर के वैध पर्चे के प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए, वे नकली पर्चे भी तैयार कर रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए, उच्च न्यायालय ने सीबीआई और एनसीबी दोनों को आगामी सुनवाई, जो 4 मार्च को निर्धारित है, में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। अदालत ने दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उन्होंने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उनकी क्या योजना है।
यह मामला जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करता है, क्योंकि प्रतिबंधित दवाओं का दुरुपयोग न केवल व्यक्तियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि समाज में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को भी बढ़ावा दे सकता है।
उच्च न्यायालय के इस सख्त आदेश के बाद, सीबीआई और एनसीबी से यह उम्मीद की जाती है कि वे तत्काल कार्रवाई करेंगे और उन दवा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे जो अवैध रूप से प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री में शामिल हैं। यह कार्रवाई न केवल कानून के शासन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।