
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा राज्य सलाहकार समिति की अध्यक्षता करते हुए, साथ में एचईआरसी सदस्य मुकेश गर्ग एवं राज्य सलाहकार समिति के सदस्य
राज्य सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन
चंडीगढ़, 19 फरवरी।हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन नंदलाल शर्मा ने ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत और औसत राजस्व वसूली के बीच के अंतर को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने बिजली कंपनियों के पूर्णकालिक विशेषज्ञ सलाहकार की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, ताकि विद्युत क्षेत्र की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाया जा सके। उन्होंने कहा कि बिजली अधिनियम, 2003 का मुख्य उद्देश्य विद्युत क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को सस्ती और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना है।
चेयरमैन नंदलाल शर्मा पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में 31वीं राज्य सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 87 और 88 के तहत एचईआरसी के चेयरमैन नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्युत क्षेत्र की दक्षता में सुधार करना, बिजली हानियों को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना था। उद्योग प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया और एनजीटी के निर्देशों के कारण उद्योगों को हो रही बिजली आपूर्ति संबंधी समस्याओं पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।
एचईआरसी के चेयरमैन नंदलाल शर्मा ने ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत और औसत राजस्व वसूली के बीच के अंतर को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने बिजली कंपनियों के पूर्णकालिक विशेषज्ञ सलाहकार की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, ताकि विद्युत क्षेत्र की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाया जा सके। उन्होंने कहा कि बिजली अधिनियम, 2003 का मुख्य उद्देश्य विद्युत क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को सस्ती और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना है।
चेयरमैन ने पीक ऑवर के दौरान ग्रिड स्थिरता को महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए अक्षय ऊर्जा भंडारण समाधान विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभावी रूप से एकीकरण किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री कुसुम योजना और प्रधानमंत्री हर घर सौर ऊर्जा योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। एटी एंड सी एग्रीगेट एंड कमर्शियल लॉस को कम करने के प्रयासों की समीक्षा की गई। एमडी डीएचबीवीएन, ए. श्रीनिवास ने बताया कि डीएचबीवीएन के 42.58 लाख उपभोक्ता हैं और वर्तमान में 12.37% वितरण हानियां हैं, जिसे एकल अंक में लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री हर घर सौर ऊर्जा योजना के तहत 385.81 मेगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता स्थापित की गई है। यूएचबीवीएन के एमडी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि यूएचबीवीएन के 37.64 लाख उपभोक्ता हैं और उनकी हानियां पहले ही घटकर 9.15% रह गई हैं, जो नियामकीय सीमा के भीतर है। एमडी एचवीपीएन अशिमा बराड़ ने बताया कि एचवीपीएन 468 सब स्टेशनों का संचालन करता है और ट्रांसमिशन हानियां केवल 1.86% हैं, जो एचईआरसी के नियामक मानकों से कम हैं। हालांकि, उन्होंने हाई टेंशन ट्रांसमिशन लाइनों के लिए बढ़ते मुआवजे की लागत को लेकर चिंता जताई, जिससे बजट आवंटन पर प्रभाव पड़ रहा है। एमडी एचपीजीसीएल अशोक कुमार मीणा ने बताया कि एचपीजीसीएल की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 2,587.40 मेगावाट है और यह एचईआरसी के दिशा-निर्देशों के तहत सुचारू रूप से कार्य कर रहा है।
एचईआरसी सदस्य मुकेश गर्ग ने उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के आदेशों के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया और उपभोक्ताओं की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बुनियादी ढांचे के विकास पर भी चर्चा की और बिजली वितरण नेटवर्क को आधुनिक बनाने के निर्देश दिए।
उद्योग प्रतिनिधि नारंग और सुमित राव ने बिजली आपूर्ति में अनियमितताओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की, जिससे व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस पर चेयरमैन नन्द लाल शर्मा ने उद्योगों के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया और औद्योगिक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एचईआरसी को सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते यह बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 65 के तहत हो।
बैठक के समापन में, चेयरमैन नन्द लाल शर्मा ने विद्युत कंपनियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं जैसे पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने निरंतर निगरानी, तकनीकी उन्नयन और आधारभूत ढांचे के विकास की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि हरियाणा के विद्युत क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। इस बैठक से एचईआरसी की उपभोक्ता केंद्रित बिजली वितरण और पारेषण प्रणाली को कुशलतापूर्वक संचालित करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को बल मिला।
बैठक में दक्षिण हरियाणा बिजली वित्तरण निगम (डीएचबीवीएन), उतर हरियाणा बिजली वित्तरण निगम (यूएचबीवीएन), हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) और हरियाणा बिजली उत्पादन निगम ( एचपीजीसीएल) सहित राज्य की प्रमुख विद्युत कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान एचईआरसी सदस्य मुकेश गर्ग, एमडी डीएचबीवीएन ए. श्रीनिवास, एमडी एचवीपीएन आशिमा बराड़ , एमडी यूएचबीवीएन और एचपीजीसीएल अशोक कुमार मीणा, सचिव जयप्रकाश, विद्युत लोकपाल आर. के. खन्ना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।