
नादौन, 13 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में लोहड़ी के त्यौहार पर नादौन बाजार का एक दृश्य। नादौन बस अड्डे के पास स्थित इस बाजार में कांगड़ा और हमीरपुर जिले के लोग काफी संख्या में खरीददारी करने आते हैं। नादौन हमीरपुर और कांगड़ा जिले की सीमा पर बसा हुआ है। जहां पर व्यास नदी दोनों जिलों के बीच में सीमा रेखा का काम करती है। नादौन पर अमतर के राजा का राज था। नादौन से अमतर राजमहल लगभग 1.5 किलोमीटर दूर व्यास नदी के किनारे बना हुआ है। जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। अमतर के मैदान में सरकार ने स्टेडियम का निर्माण कर दिया है। व्यास नदी की कलकल और प्राकृतिक सुंदरता नादौन और अमतर को रमणीक स्थल बनाती है। नादौन का गुरुद्वारा भी अपने में इतिहास का एक काल समेटे हुए है। नादौन में पंजाबी संस्कृति की भी झलक देखने को मिलती है, क्योंकि यह पंजाब का हिस्सा रहा है। यहां पर ध्यानू भगत की समाधि भी है। इसलिए नादौन के लिए एक कहावत भी है ‘आए नादौन तो जाए कौन…‘।