
Bilkul Sateek News
रेवाड़ी, 3 जुलाई। भगवानपुर आंदोलन और डिनर डिप्लोमेसी के साथ खासतौर पर अपनी बेटी आरती राव खिलाफ अनर्गल बातों को लेकर आहत केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह आज बेहद भड़के हुए नजर आए। इसको लेकर उन्होंने अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवानपुर में आंदोलन और डिनर डिप्लोमेसी के पीछे षड्यंत्रकारियों का हाथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग क्षेत्र के लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उनके साथ धोखा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवानपुर धरने में हारे हुए कांग्रेसियों और विरोधियों को अपनी भड़ास निकालने का मौका मिल गया है। उन्होंने भगवानपुर के सरपंच प्रतिनिधि पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का साथ दिया था।
भगवानपुर में 200 बेड अस्पताल निर्माण और डिनर डिप्लोमेसी को लेकर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लोगों को जोड़ना भाजपा की नीति का हिस्सा है और उन्होंने पहले भी कमल सखी के तहत कार्यक्रम किए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आरती ने नए घर में शिफ्ट किया था, इसलिए उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों को डिनर के लिए बुलाया था।
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुछ लोग उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अनर्गल बोल रहे हैं और उन्होंने कहा कि वे ऐसे लोगों पर मानहानि का दावा ठोकेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा है, अगर उनके खिलाफ बोलना है तो बोलें, लेकिन बेटी के खिलाफ अमर्यादित भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी भड़ास निकाली उन्होंने कहा कि उस वक्त जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे और सरकार की यह नीति थी कि प्रत्येक प्रांत में एम्स का निर्माण कराया जाएगा। बावल में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए तो उन्होंने खट्टर साहब से कहा कि आप घोषणा कर दे केंद्र से वह अप्रूवल दिला देंगे। मनोहर लाल खट्टर ने जलसे में एम्स निर्माण की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि उसे वक्त लोगों ने जलालत की, धोखा कपट तथा छल किया। मनेठी की पंचायत को इस बात का इल्म था कि 200 एकड़ जमीन वन विभाग की भी है। पता होने के बावजूद पंचायत ने उनसे फाइल अप्रूवल करा कर दिल्ली भेज दी, जब दिल्ली की टीम ने आकर मौका मुआयना किया तो पता चला कि यह जमीन तो वन विभाग की है। वन विभाग की जमीन की अप्रूवल मेरे से करवा दी, जब वहां एम्स का निर्माण नहीं हो सका तो एम्स संघर्ष समिति बना दी। यह संघर्ष समिति केवल क्षेंप उतारने के लिए बनाई गई थी। संघर्ष समिति ने इस क्षेत्र के साथ जलालत की जिसको मीडिया याद रखेगी। इनकी वजह से 5 साल जाया हुए। उन्होंने माजरा पंचायत को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर माजरा गांव की पंचायत जमीन नहीं देती तो आज एम्स का निर्माण नहीं होता। उन्होंने कहा कि उस वक्त भी उनके सम्मान को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई थी लेकिन उनका मान आज भी बरकरार है।