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पलवल (अजय वर्मा), 19 नवंबर। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री रणवीर गंगवा ने बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) डॉ. राज नेहरू, डॉ. विवेक अग्रवाल महानिदेशक एवं सचिव कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग हरियाणा, कुलगुरू प्रोफेसर डॉ. दिनेश कुमार, प्रोफेसर संजय कौशिक कुलगुरु गुरुग्राम विश्वविद्यालय भी मौजूद थे।
रणबीर गंगवा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एक शैक्षणिक विद्यालय नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कौशल भारत कुशल भारत के महामंत्र का एक सशक्त साकार रूप है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से परिचित होकर हरियाणा सरकार ने देश का पहला राजकीय कौशल विश्वविद्यालय पलवल के गांव दुधौला में स्थापित करने का ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि आज यह विश्वविद्यालय हरियाणा के लिए नहीं बल्कि देश के लिए स्किल एजुकेशन का मॉडल बन गया है। देश के दूसरे राज्य भी हरियाणा के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अनुकरण कर रहे है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्य भी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रेरित होकर अपने राज्यों में कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सफलता और विश्वसनीयता का सबसे बड़ा प्रमाण है कि हरियाणा सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए 11 सौ करोड़ से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का शिलान्यास 19 सितंबर 2018 को किया गया था। इसी भरोसे और विश्वास के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में 50 से अधिक कौशल आधारित उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं और भविष्य में भी कौशल आधारित कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह विश्वविद्यालय डिग्री नहीं बल्कि रोजगारन्मुख कौशल हाथों का हुनर और वास्तविक इंडस्ट्री एक्सपोजर प्रदान कर रहा है।



