Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 19 दिसंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम आंचलिक कार्यालय ने मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उससे जुडी संस्थाओं से संबंधित मामले में धनशोधन निवारण अधिननयम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत 17 दिसंबर को 80.03 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से कुर्क किया है। कुर्क की गई संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और अन्य संस्थाओं की चल और अचल अस्थाई/संपत्तियां शामिल हैं। जिन्हें मेसर्स आरपीडीपीएल द्वारा परियोजना के लिए धन का उपयोग करने के बजाय घर खरीददारों से एकत्र किए गए धन को भेजा गया था।
ईडी ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लल्यू) नई दिल्ली और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मेसर्स आरपीडीपीएल और इसके प्रमोटरों ने विभिन्न घर खरीददारों/प्लॉट खरीददारों को फ्लैट और प्लॉट को वादा की गई समय सीमा के भीतर देने में विफल रहे और उनको धोखा देकर ठगा है। यहां तक कि 10-14 साल से अधिक का समय भी व्यतीत हो गया है।
ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स आरपीडीपीएल ने वर्ष 2008-2011 में सेक्टर 37डी, 92, 93 और 95, गुरुग्राम में प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी (भूखंड कॉलोनी प्रोजेक्ट) जैसी विभिन्न परियोजनाएं शुरू की और परियोजना शुरू होने के 3-4 साल के भीतर फ्लैटों/भूखंड भूमि के कब्जे का वादा किया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स आरपीडीपीएल ने इन परियोजनाओं के लिए 2600 से अधिक घर खरीददारों से लगभग 1100 करोड़ रुपये एकत्र किए थे।
आगे की जांच में पता चला कि घर खरीददारों से एकत्र किए गए धन को परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय ऋण, अग्रिम और भूमि लेनदेन के बहाने समूह कंपनियों और गैर-समूह कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया।
इस मामले में इससे पहले, ईडी गुरुग्राम आंचलिक कार्यालय ने मेसर्स आरपीडीपीएल के निदेशक और बहुसंख्यक शेयरधारक अरविंद वालिया और संदीप यादव को पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत 21.07.2025 को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति न्यायिक हिरासत में हैं।
इसके अलावा, ईडी ने तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था और 2 अस्थाई कुकी आदेश जारी किए, जिसके परिणामस्वरूप मेसर्स आरपीडीपीएल, उसकी समूह कंपनियों और निदेशकों/निदेशकों के रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक बैलेंस, चल संपत्ति, अचल संपत्ति की कुकी/निकासी पर रोक/जब्ती हुई, जिसकी राशि लगभग 786 करोड़ रुपये थी। 80.03 करोड रुपये की वर्तमान कुकी के साथ, मामले में कुकी/जर्ब्ती की गई संपत्ति का कुल मूल्य अब लगभग 866 करोड़ रुपये है। मामले की जांच जारी है।



