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करनाल : हरियाणा की करनाल पुलिस में एक बड़ा खुलासा किया है। रोडवेज चालक के अपहरण मामले में पुलिस ने हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है। पुलिस का हेड कांस्टेबल जुए में पैसे हार गया था, जिसके चलते उस पर कर्ज हो गया था। इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने रोडवेज के चालक के अपहरण की योजना बनाई और फिर उसे किडनैप कर दो करोड रुपए की फिरौती मांगी। आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र निवासी कापड़ों हिसार ने कर्जा उतारने का प्लान बनाया था। नरेंद्र और रोडवेज चालक संदीप नरवाल एक-दूसरे को अच्छे से जानते थे।
एक साल पहले नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजने के लिए संदीप नरवाल से मिला था, लेकिन नरेंद्र के पास पैसों का व्यवस्था नहीं हुई। इस कारण नरेंद्र अपने भाई को विदेश नहीं भेज सका। नरेंद्र तभी से संदीप के संपर्क में था। नरेंद्र ने देखा कि संदीप कुछ ही दिनों में करोड़पति बन चुका है। हेड कांस्टेबल नरेंद्र जुए में खेलते हुए पैसे हार चुका था। इसलिए नरेंद्र ने प्लान बनाया कि दो करोड़ रुपये कमाने के लिए किसी का अपहरण करते हैं।
इसलिए उसने संदीप का ही अपहरण करके पैसे कमाने का प्लान बनाया। आरोपी नरेंद्र ने अपने दोस्त अक्षय भैंसवाल और सुरेंद्र वासी हलालपुर सोनीपत से संपर्क किया गया। CIA-2 के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि तीनों आरोपी मधुबन में मिले। यहां से अक्षय अपनी कार लेकर आया और कार की नंबर प्लेट भी निकाल ली। आरोपी एक जनवरी को संदीप नरवाल के घर गांव नरूखेड़ी पहुंचे।
वहां पर संदीप के बारे में पूछा, लेकिन संदीप घर पर नहीं मिला। परिवार के लोगों से विदेश भेजने संबंधित बातचीत करके संदीप के बारे में और भी जानकारी जुटाई।उस दिन वह नरूखेड़ी गांव में दो से तीन घंटे तक रूके। फिर वह पूरी प्लानिंग के साथ 4 जनवरी दोपहर के समय आए। संदीप नरवाल की बेटी कोचिंग लेती है। वह बेटी को गांव के अड्डे पर छोड़कर वापस चलने लगा तो अक्षय ने कार चलाते हुए संदीप की बाइक के आगे लगा दी।
अक्षय और सुरेंद्र कार से पिस्तौल के साथ उतरे और संदीप की कनपटी पर लगा दी और कार में बैठाकर चल दिए। जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आरोपियों ने संदीप के मोबाइल से सीम निकाली और नए फोन में डालकर एक घंटे बाद संदीप के पिता धर्मबीर को फोन किया गया। आरोपी ने कहा कि उन्होंने दो करोड़ रुपए चाहिए। संदीप की सलामती चाहते तो पुलिस को बगैर बताए ही पैसों का तुरंत इंतजाम करो।
धर्मबीर ज्यादा पैसे कहने लगा तो आरोपी डेढ़ करोड़ रुपए में आ गए। इनकी 80 लाख रुपए में बात पक्की हो गई। इस दौरान आरोपी गोहाना एरिया के गांवों में घुम रहे थे। आरोपियों ने कहा कि 80 लाख रुपए लेकर असंध आ जाओ। हम संदीप को वहीं पर छोड़ देंगे। आरोपी सालवन गांव से एरिया से आ रहे थे उनकी कार की पहचान करके पुलिस ने पीछा किया। आरोपियों ने पुलिस को देखकर उनकी गाड़ी पर आरोपी सुरेंद्र ने गोली चला दी।
धुंध ज्यादा होने के कारण वह फरार हो गए। फिर उनकी लॉकेशन गोहाना एरिया के बीच पड़ी गांव की आई। वहां पर पुलिस ने पीछा शुरू किया। धुंध ज्यादा होने के कारण आरोपियों ने 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से कार चलाई। गोहाना एरिया के मोड पर जाकर आरोपियो की गाड़ी पलट गई और उनको तुरंत दबोच लिया गया।
5 जनवरी को कोर्ट में पेश करके तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। तीन दिन के रिमांड के दौरान पुलिस ने इस घटनाक्रम का पर्दाफाश किया है।बता दें कि हेड कांस्टेबल नरेंद्र पर उसकी भाभी ने रेप का केस दर्ज करवाया था। बाद में इनका समझौता हो गया था। आरोपी नरेंद्र जुए का आदी था, इसलिए उस पर करीब दो करोड़ रुपए की देनदारी बनी हुई थी और अब उसके पास काम चलाने के लिए पैसे भी नहीं थे।
आरोपी अक्षय पर लड़ाई झगड़े का केस दर्ज है। आरोपी सुरेंद्र वर्ष 2007 से बदमाश है। उस पर लूट, डकैती, हत्या के प्रयास समेत छह केस दर्ज हैं। आरोपी सुरेंद्र पर एक लाख रुपए का इनामी भी रहा है। एक केस में वह भगोडा भी घोषित था। तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।