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Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 8 दिसंबर। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में जिला कैडर शिक्षकों के लिए कैडर परिवर्तन नीति 2025 को मंजूरी दी गई। इस नीति का उद्देश्य शिक्षक संतुष्टि में सुधार करना, पारदर्शी अंतर-जिला आवागमन सुनिश्चित करना और पूरे राज्य के स्कूलों में शैक्षणिक स्थिरता को मजबूत करना है।
यह नीति मौजूदा 2018 की रूपरेखा को प्रतिस्थापित करेगी और नियमित रूप से कार्यरत प्राथमिक शिक्षक (पीआरटी/जेबीटी), हेड टीचर (एचटी) और क्लासिकल एवं वर्नाक्युलर (सीएंडवी) शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक कैडर परिवर्तन हेतु वस्तुनिष्ठ, मेरिट-आधारित और तकनीक-सक्षम प्रणाली प्रदान करती है। ये प्रक्रिया चरणबद्ध तरिके से चलेगी और शिक्षकों को 1 अप्रैल से पहले नए स्टेशन अलॉट हो जाएंगे। 1 अप्रैल से शिक्षक अपने नए स्टेशन पर ज्वाइन करेंगे ताकि नए शैक्षणिक स्तर से पढ़ाई शुरू हो सके।
यह नीति कठिन तैनाती स्थानों, भौगोलिक सीमाओं और शिक्षक तैनाती में समानता से संबंधित लंबे समय से लंबित मांगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए विद्यालयों में आवश्यकतानुसार स्टाफ उपलब्ध कराना भी है।
नई नीति में मेरिट अंक निर्धारित करने की एक संरचित प्रणाली है, जिसमें आयु को मुख्य कारक बनाया गया है जिसे अधिकतम 60 अंक दिए जाएंगे। महिला शिक्षकों और विशेष श्रेणियों—जैसे दिव्यांग कर्मचारी, गंभीर बीमारी से पीड़ित, विधवा, तलाकशुदा, 40 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित महिलाएँ, सैन्य/अर्द्धसैनिक बलों के कर्मचारियों के जीवनसाथी और दिव्यांग बच्चों के माता-पिता—को अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। जिन शिक्षकों पर कोई पेनेल्टी लगी हैं, उनके 10 अंक नेगिटिव होंगे।
विशेष श्रेणी के शिक्षकों को 80 मेरिट अंक दिए जाएंगे, जिससे उन्हें कैडर परिवर्तन प्रक्रिया में प्राथमिकता मिलेगी। यह श्रेणी उन शिक्षकों के लिए है जो पात्रता तिथि से 12 महीने के भीतर सेवानिवृत्ति पर हो, कैंसर, डायलिसिस, हाल की बाईपास सर्जरी या अंग प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारी का इलाज करा रहे हो या आरपीडब्लयूडी एक्ट 2016 के अनुसार 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हों। इसके अलावा, ऐसी विधवा शिक्षिकाएँ जिनके सबसे छोटे बच्चे की आयु 10 वर्ष तक है, भी इसमें शामिल हैं।
शिक्षक-अभाव वाले जिलों को प्रभावित होने से रोकने के लिए नीति में यह प्रावधान है कि ऐसे जिलों से कैडर परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी जहाँ मौजूदा स्टाफ आवश्यकता के 95% से कम हो। नूँह जिले में मेवात कैडर के लिए नियुक्त शिक्षक जिले से बाहर कैडर परिवर्तन के पात्र नहीं होंगे।
एक शिकायत निवारण व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है, जिसके अनुसार शिक्षक कैडर परिवर्तन आदेश जारी होने के 5 दिन के भीतर अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं। इन शिकायतों का निपटान सक्षम प्राधिकारी द्वारा गठित समिति द्वारा 3 दिन में किया जाएगा।
नीति के अधिसूचित होते ही यह 2018 की जिला कैडर परिवर्तन नीति और उससे जुड़े सभी संशोधन एवं निर्देशों का स्थान ले लेगी। 2018 नीति के लंबित मामलों का निपटान उसी नीति के अनुसार किया जाएगा।



