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Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 8 दिसंबर। हरियाणा परिवहन विभाग ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप वर्ष 2016 में बनाए गए उन नियमों में संशोधन किया है, जिनके तहत सार्वजनिक सेवा वाहनों के माध्यम से यात्रियों को आकर्षित करने के लिए ऑपरेटरों या आईटी-आधारित पैसेंजर एग्रीगेटर्स को एजेंट या प्रमोटर के रूप में लाइसेंस जारी किए जाएंगे। यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में लिया गया।
नए नियमों के तहत 1 जनवरी 2026 से मोटर वाहन एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी मौजूदा फ्लीट में केवल डीजल या पेट्रोल से चलने वाले किसी भी वाहन को शामिल करने की अनुमति नहीं होगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 की धारा 12 के अंतर्गत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 3 जून 2025 को दिशानिर्देश संख्या 94 जारी किए गए हैं। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य मोटर वाहन एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं, ई-कॉमर्स कंपनियों एवं समान संस्थाओं द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में स्वच्छ मोबिलिटी को तेजी से बढ़ावा देना है।
इन दिशानिर्देशों के अनुसार केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक तीन पहिया ऑटो-रिक्शा को ही मौजूदा वाहन फ्लीट में शामिल करने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त 1 जनवरी 2026 से चार पहिया लाइट कमर्सियल व्हीकल (LCVs), चार पहिया लाइट गुड्स व्हीकल (LGVs) (N1 श्रेणी – 3.5 टन तक) और दोपहिया वाहनों की मौजूदा फ्लीट में डीजल या पेट्रोल से चलने वाले आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों को शामिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप परिवहन विभाग द्वारा एक क्लीन मोबिलिटी पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें सभी लाइसेंस धारकों के वाहनों का विवरण दर्ज किया जाएगा। नए नियमों के तहत लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण के लिए सभी शुल्क और शर्तें केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप होंगी।
यह पहल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के प्रभावी अनुपालन को भी सुनिश्चित करेगी।



