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गुरुग्राम, 27 अगस्त। गुरुग्राम की एक अदालत ने महिला व उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपियों को दोषी करार देते हुए 3 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार थाना फर्रुखनगर को 26 नवंबर 2017 एक सूचना एक महिला व उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट और झगड़े में घायल होकर सरकारी अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में प्राप्त हुई। पुलिस अस्पताल पहुंची और पीड़ितों की एमएलआर प्राप्त करके मामला दर्ज किया। पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह आज अपने प्लाट में गई थी। वहां पर उपमन्यु, देवेंद्र, बीजेंद्र व सुरेंद्र दीवार पर बैठे हुए थे। तभी उपमन्यु ने कहा कि इस प्लाट पर तुम्हारा कोई हक नहीं है। इसके बाद उपमन्यु ने उसपर एक ईंट फैंककर मारी, जो उसके पैर में लगी। वह चिल्लाई तो उपमन्यु और उसके तीनों साथियों ने उसके साथ मारपीट की। तभी उसके परिवार के सदस्य वहां आ गए और उनके भी परिवार वाले भी आ गए। फिर उन लोगों ने उसके परिजनों को भी लाठी डंडों से पीटा और उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों उपमन्यु उर्फ मोनू, आरती, मीना व बिजेंद्र सभी निवासी खुर्रमपुर जिला गुरुग्राम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मामले की गहनता से जांच करते हुए आरोपियों के खिलाफ सभी आवश्यक साक्ष्य व गवाह एकत्रित करके अदालत में पेश किए।
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आदित्य सिंह यादव की पटौदी अदालत ने इस मामले में गुरुग्राम पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट, साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर 22 अगस्त को फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपियों को धारा 323 आईपीसी के तहत 1 साल की कैद, धारा 325 आईपीसी के तहत 3 साल की कैद और धारा 149 आईपीसी के तहत 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।