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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 11 अक्टूबर। आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले को लेकर आज कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सेक्टर-12 मिनी सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने फरीदाबाद के एसडीएम अमित मान के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की दोनों घटनाओं को देश के लिए “शर्मनाक और दुःखद” बताया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश में आज ऐसी परिस्थितियां बन गई हैं, जहां ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी भी दबाव और भेदभाव का सामना कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आईपीएस वाई पूरन कुमार का लगातार जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था पर गंभीर सवाल है।
वहीं, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस सुमित गौड़ ने कहा कि आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जिन-जिन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम लिखे हैं। सरकार को उन सभी के खिलाफ तुरंत जांच शुरू करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में कार्रवाई को जानबूझकर टाला जा रहा है क्योंकि दिवंगत अधिकारी दलित समाज से ताल्लुक रखते थे। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की घटना की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल न्यायपालिका के सम्मान के खिलाफ है बल्कि पूरे देश की छवि को धूमिल करती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की कि जिस व्यक्ति ने यह कृत्य किया है, उसे कानून के तहत कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा कृत्य करने की हिम्मत न करे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन को और व्यापक स्तर पर शुरू करेंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक अधिकारी की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय और समानता के अधिकार की लड़ाई है, जिसे कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी।



