
सर सलामत तो घर सलामत कार्यक्रम का आयोजन
NHAI व अमृता अस्पताल ने किया एमओयू साइन
गोल्डन आवर में घायलों के जीवन को बचाने का दिया गया प्रशिक्षण
एंबुलेंस कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
घायलों को मिलेगा डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
Bilkul Sateek News
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 24 मार्च। फरीदाबाद में अमृता अस्पताल में एनएचएआई और अस्पताल की तरफ से सर सलामत तो घर सलामत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अजय टम्टा ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का आयोजन सड़क हादसों में कमी लाने के लिए किया गया था। जिसमें एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी और अमृता अस्पताल की तरफ से एक एमओयू पर भी साइन किया गया। अस्पताल को सड़क हादसे में घायल का डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करना होगा।
अमृत अस्पताल में आज सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और इसमें घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ‘सर सलामत तो घर सलामत‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के तमाम निजी और एनएचएआई के एंबुलेंस कर्मियों को घायलों को किस प्रकार से गोल्डन आवर में प्राथमिक उपचार के साथ आसपास के अस्पताल में पहुंचाया जाए का प्रशिक्षण दिया गया। अस्पताल और एनएचएआई के कर्मचारियों ने वहां उपस्थितजनों को बताया कि देश में प्रतिवर्ष लगभग 1.78 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। मंच के माध्यम से कहा गया कि यह चिंताजनक विषय है। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने विश्व स्तर पर चोट जागरूकता दिवस के अवसर पर अमृता अस्पताल फरीदाबाद के साथ एक दीर्घकालीन समझौता कर एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के अंतर्गत् ‘सर सलामत तो घर सलामत‘ नामक राष्ट्रीय व्यापी पॉलीट्रोमा जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। इसके माध्यम से एनएचएआई के एंबुलेंस स्टाफ और निजी एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाले कर्मियों एवं हरियाणा पुलिस की गश्ती वाहनों को आपातकालीन प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सड़क हादसों के बाद तुरंत और प्रभावी प्राथमिक चिकित्सा सुरक्षित करना है। जिससे अमूल्य जीवनी की रक्षा हो सके और देश में बढ़ रहे सड़क हादसों में मौत के ग्राफ को कम किया जा सके।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर अजय टम्टा ने अस्पताल और एनएचएआई की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है की इसकी शुरुआत अमृता अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से की गई है। यह इस लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि एनएचएआई और रोड से जुड़े सभी महत्वपूर्ण को हमेशा अस्पताल की तरफ से सड़क हादसे में शिकार हुए लोगों को किस प्रकार से समय रहते अस्पताल पहुंचाया जाए उसको लेकर यहां पर निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि उनकी जान समय रहते बचाई जा सके। वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सड़क हादसे में घायल लोगों के इलाज के लिए गाइडलाइन जारी की है की सड़क हादसे का शिकार हुए लोगों का अस्पताल डेढ़ लाख तक का मुफ्त इलाज करेगा। जिसका भुगतान मोदी सरकार करेगी। मोदी और मंत्री नितिन गडकरी की इस पहल के चलते देश में लाखों लोगों की समय से इलाज मिलने के चलते जान बच पाएगी और देश में सड़क हादसे में बढ़ रहे मौत के ग्राफ को काम किया जा सकेगा।