भगवान राम भी गुजरे थे मानसिक तनाव से, ऋषि-मुनियों ने दिया था ज्ञान
Bilkul Sateek News
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 12 अक्टूबर। श्रीराम सोसाइटी ऑफ रियल एजुकेशन की चेयरपर्सन डॉ. अमृता ज्योति ने कहा कि मानसिक शांति के बिना कोई भी समाज या व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। हमारे ऋषि-मुनियों की परंपराओं में मानसिक संतुलन और ध्यान के गहरे सूत्र हैं, जिन्हें आधुनिक विज्ञान से जोड़कर हम नई दिशा दे सकते हैं।
वे अमृता अस्पताल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बदलते आधुनिक परिवेश में मानसिक स्वास्थ्य और आंतरिक शांति आज एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। इस चुनौती का समाधान ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के संतुलित समन्वय में निहित है। सम्मेलन का आयोजन श्रीराम सोसाइटी ऑफ रियल एजुकेशन, इंटरनेशनल यूनाइटेड एजुकेशनिस्ट फ्रेटरनिटी ट्रस्ट तथा हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस के संयुक्त तत्वावधान में में किया गया।


सम्मेलन में देशभर से आए 1500 से अधिक शिक्षकों, प्राचार्यों, अध्यात्म जगत के विशेषज्ञों और शिक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं गुरुवाणी से हुई, जिसके बाद “इंटरनेशनल पीस कॉन्फ्रेंस ऑन मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस” विषय पर संवाद सत्र आयोजित हुआ। डॉ. ज्योति ने बताया कि श्री राम मॉडल स्कूल में इसी उद्देश्य से शिक्षा के साथ मानसिक स्वास्थ्य और मूल्यनिष्ठ जीवन शैली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।



