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गुरुग्राम, 9 दिसंबर। डॉक्टरों की हड़ताल का गुरुग्राम जिले में दूसरे दिन भी असर देखने को मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों में लंबी लंबी लाइन देखी जा रही है और मरीज और उनके साथ आए लोग इधर उधर परेशान घूमते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, कुछ मरीज मजबूरी में निजी अस्पतालों और डॉक्टरों का रुख कर रहे हैं।
गुरुग्राम में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) के बैनर तले सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है। जिला अस्पताल सेक्टर-10, सामान्य अस्पताल सोहना, पटौदी और फर्रुखनगर सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की ओपीडी प्रभावित है। जबकि इमरजेंसी सेवाएं भी नाममात्र के लिए चल रही हैं, जिससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जिला अस्पताल में सुबह साढ़े 8 बजे ही मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यहां ओपीडी की लाइन भी लंबी होती है। आधा से एक घंटा ओपीडी की लाइन में लगने के बाद जब मरीज डॉक्टर के कमरे के पास पहुंचता है, तो उसे या तो कुर्सी खाली मिल रही है या फिर 50-60 लोगों की लाइन मिल रही है।
जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार ने डॉक्टरों की स्ट्राइक के मद्देनजर जिले में सिविल अस्पताल, उप-मंडल अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक, सीएचसी और पीएचसी के 200 मीटर के दायरे में 5 या उससे ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। आदेशों में कहा गया है कि ऐसी हड़ताल से जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावट आ सकती है और इससे सार्वजनिक शांति में बाधा, अशांति और आम जनता को असुविधा हो सकती है।
स्वास्थ्य संस्थानों के बिना किसी रुकावट के काम करने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल उपाय के तहत यह आदेश स्ट्राइक जारी रहने तक प्रभावी रहेंगे। आदेशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. लोकवीर ने बताया कि पहले दिन ज्यादा समस्या थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। कुछ डॉक्टर काम पर लौट रहे हैं। जिससे आज ज्यादा समस्या नहीं होने दी जाएगी।
आज मरीजों की संख्या भी कम हो सकती है, क्योंकि सभी को पता चल गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल है। हमारी कोशिश अस्पताल आने वाले मरीजों का जल्द से जल्द इलाज करना है। लगभग सभी ओपीडी शुरू की जा चुकी हैं।
तीन प्रमुख मांग –
- डॉक्टर CMO की सीधी भर्ती का विरोध कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि विभाग से होने वाला प्रमोशन मिलना चाहिए।
- मेडिकल एसोसिएशन और सरकार के बीच केरियर प्रमोशन पर पेंच फंसा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 4 ACP, 4, 9, 13 और 20 साल की सेवा के बाद प्रदान की जानी चाहिए।
- डॉक्टर ग्रेड पे को 9500 करने की मांग कर रहे हैं, जबकि फिलहाल उन्हें 7600 ग्रेड पे मिलता है।



