
ताऊ देवीलाल स्टेडियम में हर आयु वर्ग के जिलावासियों में नजर आया उत्साह
जिले में गूगल लिंक पर पहले तीन दिन में तीन हजार से अधिक ने करवाया सिविल डिफेंस वालंटियर बनने के लिए पंजीकरण
जिलावासियों की मांग पर अब नियमित अंतराल पर लगेंगे प्रशिक्षण शिविर
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 14 मई। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाने के उद्देश्य से गुरुग्राम जिले में सिविल डिफेंस वालंटियर्स के लिए प्रशिक्षण शिविरों की श्रृंखला आरंभ हो गई है। गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बुधवार की सुबह पहले प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। बुधवार को वर्किंग डे होने के बावजूद बड़ी संख्या में विभिन्न आयु वर्ग के वालंटियर्स प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचे।
केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा के समय त्वरित और समन्वित रिस्पांस के लिए निर्धारित मॉड्यूल के अनुसार शिविर में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। जिले के विभिन्न प्रोफेशनल्स, मेडिकल प्रैक्टिसनर, सोशल ग्रुप्स की मांग पर अब ऐसे प्रशिक्षण शिविर को वीकेंड पर भी लगाने का निर्णय लिया गया है।
सिविल डिफेंस कंट्रोलर एवं डीसी अजय कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित पहले प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण तकनीकी और शारीरिक प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें अग्निशमन विभाग, रेडक्रॉस, स्वास्थ्य विभाग और सिविल डिफेंस की टीमों ने उन्हें आग बुझाने के उपकरणों का संचालन, प्राथमिक उपचार, धुएं से बचाव, सुरक्षित दरवाजा खोलना और फायर अलार्म सिस्टम की जानकारी दी। गुरुग्राम जिले में छह हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। पंजीकरण के लिए जारी लिंक में पहले तीन दिन के भीतर तीन हजार से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण करवाया है। आपदा से निपटने के लिए व्यवहारिक एवं तकनीकी रूप से प्रशिक्षित सिविल डिफेंस वालंटियर्स की भूमिका अहम होती है। प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे युवाओं के काव्यांशु, रोहित, निखिल व नूर आदि ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि देश की सेवा करने का सिविल डिफेंस वालंटियर बन कर भी अवसर प्राप्त होता है।
प्रशिक्षण शिविर में सिविल डिफेंस वार्डन मोहित शर्मा, डिप्टी चीफ वार्डन रीना कथूरिया, जिला प्रशिक्षण अधिकारी जतिन कौशिक के अलावा, अग्निशमन विभाग के अधिकारी, रेडक्रॉस के प्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
उम्र के आठ दशक पार कर चुकी स्नेहलता हुड्डा बनी प्रेरणा
प्रशिक्षण शिविर में ओलंपिक एवं कॉम्नवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी स्नेहलता हुड्डा (83 वर्षीय) ने युवाओं को प्रेरित करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आपदा के समय हमारे पास क्या है, ये मायने नहीं रखताकृमायने यह रखता है कि हमारे भीतर क्या है। अगर जज़्बा हो, तो बिना किसी साधन के भी हम किसी की जान बचा सकते हैं। हमें हालात को देखकर घबराना नहीं, बल्कि उन्हें संभालना है। मदद के लिए आगे बढऩा ही असली मानवता है।
आपदा से निपटने के लिए तैयारी, संयम और जिम्मेवारी लेना महत्वपूर्ण
प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे 70 वर्षीय जसवंत सिंह ने भी अपने विचार युवा वालंटियर्स के साथ सांझा किए। उन्होंने बताया कि आपदा के समय मानसिक तैयारी, संयम और जिम्मेदारी निभाना बेहद महत्वपूर्ण है। यह प्रशिक्षण हमें यह सिखाता है कि आपदा के समय किसी भी साधन की कमी के बावजूद, हमारी मानसिक और शारीरिक तैयारी ही हमें संकटों से उबारने में मदद कर सकती है।