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गुरुग्राम, 29 मई। अब गुरुग्राम से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट जाना आसान हो जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने आज द्वारका एक्सप्रेस-वे को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट और नेशनल हाइवे 48 से जोड़ने वाली दो नई सुरंगों का ट्रायल रन शुरू कर दिया। एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-गुरुग्राम सेक्शन पूरी तरह से पांच जून से खुलेगा। इस टनल और अंडरपास से द्वारका एक्सप्रेस-वे से एयरपोर्ट तक के ट्रैफिक जाम से लोगों को आजादी मिल जाएगी। इसका परीक्षण हर रोज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चलेगा। शैलो टनल से द्वारका/यशोभूमि से एयरपोर्ट तक और इससे विपरीत दिशा में जाने के लिए खुल जाएगा।
एनएचएआई इस ट्रायल रन के जरिए ट्रैफिक के पैटर्न, सुरक्षा मानकों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती का मूल्यांकन करेगा। एक सप्ताह तक यह मूल्यांकन किया जाएगा। यदि सब कुछ ठीक रहा तो 5 जून से इसे पूरी तरह से वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
एनएचएआई की ओर से यह टनल पूरी तरह से मॉडर्न तकनीक से बनाई गई है। इसमें सीसीटीवी निगरानी, कंट्रोल रूम और इमरजेंसी एग्जिट मार्ग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राइट टर्न अंडरपासः द्वारका/यशोभूमि से गुरुग्राम (सिरहौल) की ओर जाने के लिए
एयरपोर्ट अंडरपास और राइट टर्न अंडरपास का संयोजनः टर्मिनल 3 से गुरुग्राम (सिरहौल) की ओर जाने के लिए
शहर के परिवहन नेटवर्क में सुरंग के एकीकरण को सुनिश्चित करना
टनल की खास बातें…
सुरंग में चलने के लिए 4.5 मीटर तक के वाहनों को ही मंजूरी दी जाएगी।
सुरंग में दोपहिया, तिपहिया, पानी और गैस टैंकर, ट्रैक्टर और धीमी गति के वाहन प्रतिबंधित होंगे।
सुरंग में सीसीटीवी निगरानी, कंट्रोल रूम, इमरजेंसी एग्जिट भी रहेगी।
इस एक्सप्रेस-वे से द्वारका एक्सप्रेस-वे और आईजीआई एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा.
गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका, अलीपुर और अन्य क्षेत्रों के बीच यातायात तेज होगा।
चंडीगढ़ तक बेहतर होगा ट्रैफिक
वहीं, इस एक्सप्रेस-वे से गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर से उत्तर दिशा के शहरों जैसे सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ तक यातायात की आवाजाही को सुविधा रहेगी। एक बार इसके पूरी तरह से शुरू होने के बाद अंडरपास कम ऊंचाई वाली सुरंग के माध्यम से आईजीआई हवाई अड्डे को वैकल्पिक संपर्क प्रदान करेंगे। इससे दिल्ली, गुरुग्राम और उत्तरी शहरों के बीच संपर्क में सुधार होगा और गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका, अलीपुर जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बीच यातायात प्रवाह को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। साथ ही गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर से सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ जैसे उत्तरी स्थानों की ओर यातायात की बिना रुकावट आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में और उसके आसपास के अन्य गलियारों के साथ संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी।