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Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 5 मार्च। यदि सबकुछ सही रहा और प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो गया तो मानेसर और इसके आसपास की जमीनों की भावों में तेज उछाल देखा जा सकता है। हम बात कर रहे हैं हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) की। दिल्ली-एनसीआर में यातायात दबाव को कम करने के लिए बनने वाले इस कॉरिडोर का फायदा मानेसर को भी होगा। इस कॉरिडोर के बनने के बाद यात्रा सुगम हो जाएगी।
126 किलोमीटर लंबा ये रेल कॉरिडोर पलवल से मानेसर होता हुआ सोनीपत तक बनेगा। इसका पहला सेक्शन धुलावट से बादशाहपुर तक बनाया जाएगा। यहां पर 29.5 किमी लंबी इलेक्ट्रिक लाइन बिछाई जाएगी। ये दोहरा ट्रैक नूंह और गुरुग्राम जिलों को जोड़ेगा। जो इन क्षेत्रों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
यहां बनेंगे स्टेशन
126 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में कई स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इनमें प्रमुख रेलवे स्टेशन सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल होगा। इन स्टेशनों से क्षेत्रीय यातायात में सुधार होगा और अधिक लोग रेलवे सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
लगभग 5700 करोड़ की ये परियोजना ना केवल यात्रा को तेज और सहज सुलभ बनाएंगी। बल्कि इससे आसपास के क्षेत्रों को भी फायदा होगा। विशेष रूप से पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जिलों को इससे सीधा लाभ होगा, जिससे इन क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात के विकल्प मिलेंगे। इस परियोजना से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास भी होगा। विशेषतौर पर खासकर आईएमटी मानेसर और इसके आसपास के क्षेत्रों में इस परियोजना से बदलाव की उम्मीद है। इस परियोजना के शुरू होते ही यहां पर जमीनों के भाव में तेजी देखी जा सकती है।