भाजपा शासनकाल में आठ साल बाद भी नहीं बना अस्पताल
आलीशान गुरुकमल व रेस्ट हाउस छिड़क रहा मरीजों के जख्मों पर नमक
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 23 नवंबर। साइबर सिटी गुरुग्राम में सिविल अस्पताल की मांग को लेकर कांग्रेस सेवा दल भूख हड़ताल पर बैठ गया है। दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस के नेता राजेश यादव ने कहा कि गुरुग्राम की बीमार जनता को ठीक करने के लिए हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री ने 600 बिस्तर का अस्पताल बनने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अब तक यह ही तय नहीं कर पाई है कि गुरुग्राम में आखिर कितने बिस्तर का अस्पताल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सरकार ने ढाई साल में आलीशान रेस्ट हाउस बना लिया। मगर गरीबों के इलाज के लिए बनाने के लिए तोड़े गए अस्पताल में अब तक एक ईंट भी नहीं लगाई है।
उन्होंने कहा कि 2019 के बजट में की गई घोषणा के बाद अगस्त 2024 में सिविल लाइंस क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा 700 बिस्तर के अस्पताल के निर्माण की आधारशिला रखने की बातें कही गई थी। इसके डिजायन को भी सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। अस्पताल की छत पर हेलिकॉप्टर तक उतारने के दावे किए गए थे। 10 मंजिला अस्पताल बनाने की घोषणा करके गुरुग्राम की जनता को बड़ा सपना दिखाया गया था।
पूर्व जिला अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल इंद्र सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले करीब छह साल से गुरुग्राम की जनता के सामने झूठ की बुनियाद पर अस्पताल बनाकर सपनों में इलाज कर रही है। हकीकत से यह सब कोसों दूर है। दो मुख्यमंत्री, दो स्वास्थ्य मंत्री और गुरुग्राम के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री भी लगातार यहां सिविल अस्पताल के जल्द निर्माण की बात कह चुके हैं, लेकिन सरकार का जल्द कितना जल्द आता है यह नहीं बताया जाता। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग तो तोड़कर मलबा उठाए भी कई साल बीत चुके हैं। साथ में लगते सरकारी स्कूल की जमीन भी स्वास्थ्य विभाग ले चुका है, लेकिन अस्पताल के निर्माण के लिए एक कदम भी नहीं चले। हालात यह हैं कि गरीब बच्चों के सिर से शिक्षा की छत छीन ली गई। उनके स्कूल की ऐतिहासिक इमारत शिक्षा विभाग से ले ली गई। वह भी कंडम हो रही है। वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शहरी पंकज डाबर ने कहा कि भाजपा सरकार को गुरुग्राम की जनता के लिए अस्पताल बनाना जरूरी नहीं है। अपने लिए रेस्ट हाउस जरूरी है और वो बन चुका है। भाजपा को अपने लिए आलीशान कार्यालय जरूरी है और वो बन चुका है। गरीब जनता के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल तो अभी बेड के फेर में ही फंसा है।



