Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 20 दिसंबर। अरावली पर्वत श्रृंखला को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने कैबिनेट मंत्री के घर के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली क्षेत्र में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले हिस्सों को लेकर दिए गए आदेश पर नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि यह आदेश अरावली के लिए घातक साबित हो सकता है।
प्रदर्शन में शामिल लोग हाथों में बैनर और पोस्टर लिए मंत्री के आवास के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने “अरावली बचाओ- देश बचाओ” और “अरावली नहीं तो भविष्य नहीं” जैसे नारों के माध्यम से सरकार का ध्यान इस गंभीर पर्यावरणीय मुद्दे की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अरावली न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक प्राकृतिक ढाल का काम भी करती है। उनका मानना है कि अरावली क्षेत्र में खनन, निर्माण और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने से इस प्राचीन पर्वत श्रृंखला को भारी क्षति पहुंचेगी।
दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों से पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक संगठन और स्थानीय नागरिक गुरुग्राम पहुंचे और शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पूर्व में अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित 10,000 एकड़ की जंगल सफारी परियोजना को पर्यावरणीय चिंताओं के कारण सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया था।
लोगों ने सरकार से मांग की कि अरावली को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए और इसके संरक्षण के लिए एक ठोस नीति बनाई जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि अरावली का संरक्षण पूरे देश के पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ा है।



