
गोमुख, गंगोत्री व हरिद्वार से कांवड़ ले शिवभक्त बढ़ रहे अपने गंतव्य की ओर
23 जुलाई को करेंगे अपने आराध्य का जलाभिषेक
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 21 जुलाई। शिवरात्रि का पावन पर्व ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, त्यों-त्यों साइबर सिटी गुरुग्राम बोल बम बोल बम के उद्घोष से गुंजायमान होती जा रही है। शिवभक्तों को यात्रा के दौरान कोई परेशानी न हो इसके लिए गुरुग्राम में शिवभक्तों के लिए शिविर लगाए गए हैं। इस वर्ष शिव कांवड़ शिविर शिवभक्ति और सेवा भाव का प्रतीक बनकर उभरा है। शिव भक्तों को समर्पित धनचिरी शिविर 18 जुलाई से लगाया गया है जो कि 23 जुलाई तक चलेगा। आयोजकों के अनुसार ऐसे आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक चेतना और सेवा की भावना मजबूत होती है।
कांवड़ यात्रा एक गहन आध्यात्मिक तपस्या है और इन शिवभक्तों की सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य और पुण्य का कार्य है। धनचिरी कैंप में बनाए गए इस विशाल शिविर में श्रद्धालुओं और कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं – विश्राम, भोजन, चिकित्सा, जल सेवा के साथ-साथ श्री खाटू श्याम जी एवं भगवान भोलेनाथ का भव्य दरबार भी लगाया गया है, जहां भक्तजन पूजा-अर्चना कर सकते हैं। वही शिविर में पहुचे शिव भक्तों की मानें तो उन्हें सभी सुविधाएं मिलने से उनकी यात्रा काफी सुखद हो गई है। कहा जाता है कि समुंदर मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शंकर ने ग्रहण कर लिया था। जिससे सृष्टि पर उसका दुष्प्रभाव न पड़ सके। विष पीने से भगवान को पीड़ा होने लगी। इस पर पृथ्वी पर रहने वाले लोगों ने उनका जलाभिषेक किया, जिससे विष के प्रभाव को कम किया जा सके। तभी से कांवड़ की प्रथा शुरू हुई। शिव भक्त हर साल गोमुख, गंगोत्री और हरिद्वार से गंगा जी का पवित्र जल लाकर अपने आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और मन वांछित मनोकामना पाते हैं।
साइबर सिटी में लगे शिविरांे के माध्यम से न केवल शिवभक्तों की सेवा की जा रही है, बल्कि समाज में एकता, श्रद्धा और सहयोग की मिसाल भी प्रस्तुत की जा रही है।