वीर बाल दिवस पर ‘सफर-ए-शहादत’ के माध्यम से चार साहिबजादों की अमर गाथा का सजीव मंचन
‘एसजीटी विश्वविद्यालय में आयोजित था कार्यक्रम’
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 24 दिसंबर। वीर बाल दिवस के अवसर पर हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग तथा जिला प्रशासन गुरुग्राम के संयुक्त तत्वावधान में एसजीटी विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में ‘सफर-ए-शहादत’ विषय पर आधारित भव्य लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सिख इतिहास में चार साहिबजादों के अद्वितीय साहस, त्याग और शहादत की गाथा को जनमानस, विशेषकर युवा पीढ़ी तक प्रभावी रूप से पहुंचाना रहा।
यह लाइट एंड साउंड शो सिख इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं पर केंद्रित रहा, जिसमें गुरु तेग बहादुर साहिब के सर्वाेच्च बलिदान से लेकर चमकौर साहिब की ऐतिहासिक लड़ाई तथा साहिबज़ादा बाबा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह की शहादत तक की प्रेरक यात्रा को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। आधुनिक एलईडी विजुअल्स, प्रकाश, ध्वनि प्रभाव, एनिमेशन एवं वीएफएक्स के माध्यम से इतिहास के इन गौरवशाली क्षणों को जीवंत किया गया।
कार्यक्रम में एसजीटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. हेमंत वर्मा, जिला प्रशासन गुरुग्राम से सीटीएम सपना यादव, डिवीजनल कमिश्नर की ओएसडी सिमरन, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सुबोध कुमार, चेयरमैन के ओएसडी रजनीश यादव सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन की सराहना करते हुए इसे भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
चंडीगढ़ से आए कलाकारों की टीम ने निर्देशक तलविंदर सिंह भुल्लर के मार्गदर्शन में सशक्त अभिनय प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को साहिबजादों के अदम्य साहस, अटूट विश्वास और सर्वाेच्च बलिदान से भावनात्मक रूप से जोड़ दिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर एसजीटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा निर्देशक एवं उनकी टीम को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सीटीएम सपना यादव ने कहा कि वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में ‘सफर-ए-शहादत’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से चार साहिबजादों की अमर शहादत को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं में राष्ट्रभक्ति, नैतिक मूल्यों और त्याग की भावना को सुदृढ़ करते हैं तथा उन्हें देश के महान इतिहास से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बनते हैं।
लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से साहिबजादों के त्याग, शौर्य और बलिदान का संदेश गहराई से दर्शकों तक पहुंचा, जिससे पूरा वातावरण श्रद्धा और गर्व से ओतप्रोत हो गया।



