
Press Release -PAO Amtek-26.3.2025
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली, 27 मार्च। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को मेसर्स एमटेक ऑटो लिमिटेड, मेसर्स एआरजी लिमिटेड, मेसर्स एसीआईएल लिमिटेड, मेसर्स मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और मेसर्स कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एमटेक समूह के प्रमोटर अरविंद धाम और अन्य के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत 557.49 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया।
ईडी अधिकारियों ने कहा कि यह कुर्की ईडी द्वारा 5 सितंबर 2024 को जारी 5115.31 करोड़ रुपये की कुर्की आदेश के बाद की गई है, जिसकी पीएमएलए एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा पुष्टि की गई है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहले 40 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली थी और बाद में अरविंद धाम को गिरफ्तार किया था और 6 सितंबर 2024 को शिकायत दर्ज की थी। ईडी ने मेसर्स एमटेक ऑटो ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर जांच शुरू की, जिसने केंद्रीय जांच एजेंसी को एमटेक ऑटो ग्रुप द्वारा 27,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी 2024 को एमटेक ऑटो मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कथित 27 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर ईडी से 6 महीने में रिपोर्ट मांगी थी। यह आदेश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने जारी किया था। अदालत ने ईडी को मेसर्स एमटेक ऑटो लिमिटेड, मेसर्स एआरजीएल लिमिटेड और मेसर्स मेटलिस्ट फोर्जिंग्स लिमिटेड और उनके पूर्ववर्ती प्रबंधन और शेयरधारकों के खिलाफ विस्तृत जांच का निर्देश दिए थे।
सुपीम कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया अब तक एकत्र किए गए सबूतों से संकेत मिलता है कि फंड को भूमि सौदों और रियल एस्टेट परियोजनाओं आदि में लगाया गया था। निदेशकों के परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदारों को अनुचित लाभ दिया गया है।
पीठ ने कहा था कि हमें लगता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त सार्वजनिक धन के संबंध में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, हालांकि एसएफईओ और सीबीआई द्वारा की जा रही जांच/पूछताछ जारी रहेगी और इस आदेश से कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा। दोनों एजेंसियां साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में ईडी के साथ पूरा सहयोग करेंगी।
अदालत ने एसएफईओ की स्टेटस रिपोर्ट देखकर कहा था कि रिपोर्ट से पता चला है कि एमटेक समूह ने 500 से अधिक कंपनियों का जाल बुना हुआ है। संबंधित संस्थाओं में डमी निदेशकों की नियुक्ति की गई है। किताबों में गलत बयानी की गई है। विभिन्न तरीकों से संबंधित और नियंत्रित संस्थाओं के माध्यम से ऋणों का हेरफेर और हेराफेरी हुई है। अदालत ने ये भी देखा कि बड़ी संख्या में बैंकों/पीएसयू ने मात्र 20 फीसदी भुगतान स्वीकार करके ऋण खाते बंद कर दिए हैं।