
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली, 4 मार्च। भारत में 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर जिसका विषय “सुरक्षा और कल्याण: विकसित भारत के लिए अनिवार्य” है, देश की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (4-10 मार्च) के आयोजन की शुरुआत की। इस पहल के जरिए कंपनी अपने सभी निर्माण स्थलों पर कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दोहराती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ आज सिग्नेचर ग्लोबल सिटी 93, सिग्नेचर ग्लोबल सिटी 37डी, डीलक्स-डीएक्सपी, द्वारका एक्सप्रेसवे और सिग्नेचर ग्लोबल इम्पीरियल सेक्टर 88 में हुआ। यह सुरक्षा अभियान श्रमिकों, कर्मचारियों और मजदूरों को सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी देने और उनके सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
इस अवसर पर ललित अग्रवाल को-फाउंडर और वाइस चेयरमैन सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने कहा, “सिग्नेचर ग्लोबल में सुरक्षा केवल एक प्राथमिकता नहीं, बल्कि हमारे कार्यों में गहराई से समाहित एक मूलभूत मूल्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह हमें कार्यस्थल पर सुरक्षा को और मजबूत करने, इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और हमारे श्रमिकों को नवीनतम सुरक्षा मानकों से अवगत कराने का अवसर देता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी ISO 45001 सर्टिफिकेशन इस बात को प्रमाणित करती है कि हम कार्यस्थल की सुरक्षा के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाते हैं, जो जोखिम को कम करने और सभी स्तरों पर सुरक्षा व कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। जागरूकता और सामूहिक ज़िम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देकर, हम एक सुरक्षित भविष्य बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”
पूरे सप्ताह के दौरान मार्च पास्ट, बैज वितरण, ध्वजारोहण, सुरक्षा शपथ, नुक्कड़ नाटक, सुरक्षा प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल, हाटमेंट किचन फायर ट्रेनिंग, स्वास्थ्य व स्वच्छता जागरूकता सत्र, फर्स्ट एड ट्रेनिंग और पुरस्कार वितरण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सिग्नेचर ग्लोबल पहले से ही ISO 45001 प्रमाणन प्राप्त कर चुका है, जो कार्यस्थल की सुरक्षा के लिए एक वैश्विक मानक है। यह प्रमाणन दर्शाता है कि कंपनी Occupational Health and Safety Management System (OHSMS) के तहत जोखिम कम करने और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कंपनी के सुरक्षित, स्वस्थ और नियमों के अनुरूप कार्यस्थल बनाने के संकल्प को और मजबूत करता है।