
गुरुग्राम (प्रदीप नरुला), 2 मार्च। गुरुग्राम नगर निगम व मानेसर नगर निगम का आज चुनाव संपन्न हो गया। हालांकि गुरुग्राम नगर निगम में उम्मीद से कम मतदान हुआ, जिस तरह से शुरू से ही कयास लगाए जा रहे थे कि गुरुग्राम में मतदाता जोर-शोर से घर से निकलकर मतदान करेंगे, क्योंकि यहां कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर थी लेकिन आशा अनुरूप ऐसा हुआ नहीं।
गुरुग्राम नगर निगम में मतदान क्यों काम हुआ इस पर एक खास रिपोर्ट
गुड़गांव नगर निगम में लगभग 9 लाख मतदाता है और इसका क्षेत्र भी काफी बड़ा है। चुनाव की तारीख घोषणा होने के बाद प्रत्याशियों के पास चुनाव लड़ने के लिए समय बहुत कम था और क्षेत्र बहुत बड़ा था। माना जा रहा है कि जिसको लेकर प्रत्याशी मतदाताओं के पास सीधे रूप से जा भी नहीं सके। स्थानीय इकाई का चुनाव बाकी सभी चुनाव से अपेक्षाकृत छोटा माना जाता है। इसको लेकर मतदाताओं की आशा रहती है कि वह अपने प्रत्याशी को सीधे तौर पर जाने, लेकिन इस बार के निगम चुनाव में मतदाता अधिक और क्षेत्र बड़ा होने के कारण प्रत्याशी मतदाताओं तक नहीं पहुंच पाए। जिसका बहुत बड़ा असर इस चुनाव में मत प्रतिशत पर पड़ा।
इसके अलावा चुनाव में एक धारणा से बन गई थी की दोनों पार्टियां गंभीरता से चुनाव नहीं लड़ रही है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी सोच रहा था वह जीत रहा है, जबकि दूसरा प्रत्याशी ऐन वक्त पर कांग्रेस में आया। जिससे लोगों ने मतदान में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई।
नगर निगम में दो टर्म से भाजपा काबिज है, जिससे एंटी इनकंबेंसी फैक्टर भी काफी था लेकिन लोगों के पास विकल्प नहीं था इसलिए लोग वोट डालने घर से बाहर नहीं निकले।
सही मायने में प्रत्याशी का मतदाता से कांटेक्ट नहीं हो पाया। जिसका खामियाजा मत प्रतिशत में हुआ। उधर, मानेसर में मत प्रतिशत बहुत अच्छा हुआ 60 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया। मानेसर निगम मतदाताओं के लिए हद से छोटा है, लेकिन प्रतिशत में आज गुरुग्राम से बाजी मार गया।
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