
सरस्वती नदी के पुनरुद्धार, शोध व जनजागरूकता के लिए मिलकर करेंगे कार्य
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 4 अगस्त। हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय के बीच सोमवार को पंचकूला स्थित बोर्ड कार्यालय में एक महत्वपूर्ण एमओयू (सहयोग समझौता) पर हस्ताक्षर किए गए। गुरुग्राम विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. संजय कौशिक, मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार योगी, प्रो. मीनाक्षी श्योराण उपस्थित रहे, वहीं बोर्ड की ओर से उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार सुप्रवीण एवं डॉ. दीपा कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने बताया कि यह एमओयू सरस्वती नदी के पुर्नप्रवाह के लिए किए जा रहे प्रयासों को जनता तक पहुंचाने, साथ ही इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व वैज्ञानिक महत्व को शैक्षणिक विमर्श से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. संजय कौशिक ने कहा कि सरस्वती केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता एवं अर्थव्यवस्था की मूलधारा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस मिशन में भागीदार बनकर गर्व महसूस कर रहा है।
कार्यक्रम में बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह बताया कि किस प्रकार सरस्वती नदी के प्रवाह को पुनर्जीवित किया जा रहा है और इसका लाभ आम जनमानस तक पहुंच रहा है। बोर्ड के सीईओ व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कुमार सुप्रवीण ने बताया कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय में बोर्ड के सहयोग से ‘सरस्वती लाइब्रेरी’ की स्थापना की जाएगी, जिसमें सरस्वती नदी से जुड़े विषयों पर पाठ्यक्रम निर्माण व शोध को प्रोत्साहन मिलेगा।
मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश योगी ने बताया कि सरस्वती नदी के ऐतिहासिक, वैज्ञानिक व तकनीकी पक्षों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, न्यूजलेटर एवं अन्य मीडिया प्रोडक्ट्स का निर्माण विद्यार्थियों द्वारा किया जाएगा। धूमन सिंह किरमच ने विश्वविद्यालय के कुलपति व समस्त टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि पर्यावरण एवं जल संकट के इस दौर में विश्वविद्यालय का सहयोग बोर्ड की क्षमता को और अधिक सशक्त करेगा।