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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 15 जुलाई। फरीदाबाद की नेहरू कॉलोनी स्थित मस्जिद चौक पर बनी मस्जिद पर भी कार्रवाई का कल नोटिस चिपकाने के बाद आज मुस्लिम और हिंदू समाज के नेहरू कॉलोनी वासी नगर निगम मेयर से मिलने पहुंचे और कहा कि नगर निगम ने 2009 के जारी आदेश के तहत तोड़फोड़ को लेकर, जो नोटिस चिपकाए हैं वह तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि नेहरू कॉलोनी और मस्जिद 50 साल पहले के बने हुए हैं। ऐसे में 2009 का आदेश लागू नहीं होता और यदि लागू किया गया तो घातक फिल्म की तर्ज पर कातिया का जो हाल हुआ था वह सरकार का होगा।
नगर निगम मेयर के पास अपनी बात रखने आए पप्पू कुरैशी ने बताया कि पिछले कई दशकों से बसी नेहरू कॉलोनी में हजारों घर बने हुए हैं और यहां लाखों लोग रहते हैं, जिन्हें अवैध बताकर नोटिस भेजा गया है, जबकि वह अपने देश में रहते हैं और उनके पास तमाम सरकारी कागजात है ऐसे में वह अवैध कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी कहता है जो व्यक्ति 20 साल से रह रहा है उसे मूल निवासी का अधिकार मिलना चाहिए। यहां तो 50-50 साल से लोग रह रहे हैं। हमारी मस्जिद को अवैध बताकर कल नोटिस लगाया गया है। धार्मिक स्थलों को शहीद करने को लेकर राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा के मंत्री ने आश्वासन दिया था कि कोई तोड़फोड़ नहीं होगी तो फिर मस्जिद पर नोटिस क्यों लगाया गया! उन्होंने कहा कि जो भी नशा तस्कर रहते हैं पूरे देश में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। एक हिंदू भाई ने बताया कि तोड़फोड़ के आदेश 2009 को जारी हुए थे, जबकि नेहरू कॉलोनी और यह मस्जिद पिछले 50 साल से बनी हुई है तो यह अवैध कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदू मुस्लिम भाईचारा जहां कायम है हम ना मस्जिद, मंदिर और गुरुद्वारा कोई भी धार्मिक स्थल नहीं टूटने देंगे। हम लाठी भी खाएंगे और मरने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि घातक फिल्म की तर्ज पर कातिया का जो हाल हुआ था वह सरकार का होगा।