
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 12 जुलाई। अमेरिका में स्थापित प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. राहुल मेहरा द्वारा विकसित अभिनव स्वास्थ्य शिक्षा पाठ्यक्रम और कार्यक्रम ने फरीदाबाद के एक सरकारी स्कूल को वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया है। गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल (GGSSS) एनआईटी-5 फरीदाबाद को यूके स्थित टी4 एजुकेशन द्वारा द वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइजेस 2025 के शीर्ष 10 फाइनलिस्ट में शामिल किया गया है। स्कूल को यह सम्मान स्वास्थ्य और कल्याण को रोजमर्रा की पढ़ाई में प्रभावी रूप से समाहित करने के लिए मिला है।
GGSSS एनआईटी-5 को ‘सपोर्टिंग हेल्दी लाइव्स’ श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किया गया है। स्कूल ने पोषण, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को शिक्षा के साथ जोड़कर जोखिम में रहने वाली बच्चियों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदला है। इस समग्र मॉडल ने शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर किया है और सुनिश्चित किया है कि कोई भी बच्ची पीछे न छूटे।
डॉ. राहुल मेहरा, जिनके नाम पर 70 से अधिक पेटेंट हैं और जिन्होंने 100 से अधिक शोध पत्र और पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं, तरंग हेल्थ एलायंस नामक एनजीओ के संस्थापक भी हैं। तरंग हेल्थ एलायंस ने उनके नेतृत्व में एक समग्र स्वास्थ्य पाठ्यक्रम तैयार किया है, जिसमें छात्र कार्यपुस्तिकाएं शामिल हैं। GGSSS एनआईटी-5 में इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिसके तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण, कक्षा शिक्षण में नवीन संसाधनों का उपयोग, विद्यार्थियों के अभिभावकों की भागीदारी और स्वास्थ्य शिक्षा को स्कूली शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए नीति स्तर पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. मेहरा ने कहा, “हरियाणा के एक सरकारी स्कूल को यह वैश्विक सम्मान मिलना गर्व की बात है। मैं स्कूल में हमारी स्वास्थ्य शिक्षा पहल को बेहतरीन तरीके से लागू करने के लिए हमारी स्वास्थ्य शिक्षिका खुशबू कुमारी का धन्यवाद करता हूं और इस पहल को वित्तीय सहयोग देने के लिए लाल पैथ लैब्स फाउंडेशन का आभारी हूं। भारत में यूनेस्को चेयर प्रतिनिधि के रूप में मेरा मानना है कि हर स्कूल में स्वास्थ्य शिक्षा पाठ्यक्रम लागू होना चाहिए। इससे हर बच्चे के स्वास्थ्य व्यवहार और अकादमिक प्रदर्शन में सुधार होगा और वे जीवनभर सफलता और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कौशल हासिल करेंगे। GGSSS, एनआईटी-5 फरीदाबाद इस बात का उदाहरण है कि जब छात्र, शिक्षक, अभिभावक और समुदाय समग्र कल्याण के लिए एकजुट होते हैं तो स्कूल क्या हासिल कर सकते हैं। यह सफलता हमें देशभर में इस मॉडल को लागू करने के लिए प्रेरित करती है।”
GGSSS नं. 5 फरीदाबाद की पूर्व प्राचार्या (30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त) डॉ. सीमा भ्रिगु ने कहा, “तरंग हेल्थ एलायंस ने हमारे छात्रों को एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर मार्गदर्शन दिया, संतुलित आहार, उचित सप्लीमेंट के उपयोग और अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया। मैंने स्पष्ट अंतर देखा है — जो बच्चे पहले कक्षा में बेहोश हो जाते थे, वे अब अधिक स्वस्थ और स्वच्छ जीवन जी रहे हैं। मुझे गर्व है कि मैं इस पहल का हिस्सा रही हूं, जिसने हमारे स्कूल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।”
2024 में तरंग हेल्थ एलायंस ने हरियाणा सरकार के साथ मिलकर 12 सरकारी स्कूलों में यह स्वास्थ्य पाठ्यक्रम शुरू किया, जिससे राज्य में व्यापक स्तर पर इसे अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। तरंग ने 2020 से दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़ और जयपुर के विभिन्न निजी स्कूलों में भी यह पाठ्यक्रम लागू किया है और पिछले वर्ष इन क्षेत्रों के 18 निजी स्कूलों में इसे अपनाया गया। GGSSS एनआईटी-5 अब देशभर में स्वास्थ्य शिक्षा को प्राथमिकता देने वाले स्कूलों के लिए प्रेरणा बन गया है। यह साबित हुआ है कि छात्रों के स्वास्थ्य में सुधार से उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में भी सुधार आता है।
टी4 एजुकेशन द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू किए गए द वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइजेस का उद्देश्य छात्रों और समुदायों पर स्थायी प्रभाव डालने वाले स्कूलों को सम्मानित करना है। यह पुरस्कार पांच श्रेणियों में दिए जाते हैं — सामुदायिक सहयोग, पर्यावरणीय कार्रवाई, नवाचार, प्रतिकूलताओं पर विजय और स्वस्थ जीवन का समर्थन।
GGSSS, एनआईटी-5 फरीदाबाद के अलावा, इस वर्ष भारत के तीन अन्य स्कूल भी शॉर्टलिस्ट हुए हैं — जिला परिषद स्कूल, जालिंदर नगर (पुणे, महाराष्ट्र) को सामुदायिक सहयोग श्रेणी में; एक्या स्कूल, जेपी नगर (बेंगलुरु, कर्नाटक) को नवाचार श्रेणी में; और दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) को पर्यावरणीय कार्रवाई श्रेणी में। विजेताओं की घोषणा अक्टूबर में की जाएगी और सभी फाइनलिस्ट नवंबर में अबू धाबी में आयोजित वर्ल्ड स्कूल्स समिट में अपनी सफलता की कहानियां साझा करेंगे।