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गुरुग्राम, 13 दिसंबर। गुरुग्राम पुलिस ने साजिश रच कर दूसरों की जमीन के फर्जी कागजात दिखाकर फर्जी एग्रीमेंट के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी कागजात दिखा कर 45 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा-दो को 06.06.2024 को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि वर्ष-2023 में उसकी मुलाकात अश्वनी चौधरी नामक व्यक्ति से हुई। जिसने स्वयं को एक बड़े प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट ग्रुप का सदस्य बताते हुए जमीन खरीदने का प्रस्ताव रखा। अश्वनी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर साजिश्बद्ध तरीके से उसको जमीन में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया तथा गांव मंडकोला व नोएडा की जमीन से संबंधित फर्जी एग्रीमेंट किए।
अश्वनी व उसके साथियों ने दूसरों की जमीन को अपनी बताकर 15 बीघा जमीन का फर्जी एग्रीमेंट 9 करोड़ 30 लाख रुपये में कर लिया और एडवांस के नाम 45 लाख रुपये ले लिया। बाद में जांच में पता चला कि संबंधित जमीन विक्रय योग्य नहीं थी और दस्तावेज फर्जी थे। जांच में समक्ष आए तथ्यों के आधार पर पुलिस थाना सिविल लाइंस में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा-दो द्वारा शुरू की गई।
अपराध शाखा सेक्टर-17 की टीम ने इस मामले में 8 दिसंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से इस गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। जिसकी पहचान विजय शर्मा (उम्र-40 वर्ष, शिक्षा-12वीं) निवासी गांव प्रताप नगर जिला गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई। पुलिस द्वारा आरोपी को 9 दिसंबर को अदालत में पेश करके 3 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया।
पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपी ने गुरुग्राम व उत्तर-प्रदेश में जमीन से संबंधित ठगी की 2 अन्य वारदातों को अंजाम देने का भी खुलासा किया। आरोपी ने बताया कि वह अश्वनी चौधरी व कविंद्र सिंह के गिरोह का सदस्य है, जो फर्जी जमीन खरीदने वाली पार्टी बनकर लोगों को ऊंचे दामों का लालच देते हैं और फर्जी एग्रीमेंट करके उनके साथ ठगी करते हैं। उसको फर्जीवाड़ा करने बदले 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
आरोपी विजय शर्मा को पुलिस हिरासत रिमांड की अवधि पूर्ण होने के उपरांत कल अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अभियोग का अनुसंधान जारी है तथा अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।



