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गुरुग्राम, 24 दिसंबर। गुरुग्राम पुलिस ने बहुचर्चित जगमाल ठाकरान हत्याकांड में उम्रकैद की सजा प्राप्त खूंखार अपराधी मधुबन को पलवल से गिरफ्तार किया है। आरोपी जमानत कैंसिल होने के बाद से फरार था और पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था। आरोपी अपने नाम बदल कर दिल्ली, पलवल और फरीदाबाद में भीड़भाड़ के इलाकों से दूर फार्म हाउसों में नौकरी करके छुपता घूम रहा था। आरोपी के खिलाफ राजस्थान में हत्या व लूट इत्यादि संगीन वारदातों के करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गुरुग्राम पुलिस ने साल 2006 के बहुचर्चित हत्याकांड में फरार कुख्यात अपराधी मधुबन (उम्र-40 वर्ष) निवासी बुधवारी कलां थाना नन्दबाई जिला भरतपुर (राजस्थान) को आज गांव आटोहा जिला पलवल (हरियाणा) से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।
उल्लेखनीय है कि आरोपी मधुबन के खिलाफ मुकदमा नंबर 331 14.05.2006 धारा 302, 201, 404 आईपीसी थाना सदर में दर्ज है। आरोपी ने 13.05.2006 को अपने ही मालिक जगमाल ठाकरान एडवोकेट (जो कि उस समय के एक पूर्व विधायक के भाई थे) की अत्यंत निर्ममता से लोहे की रॉड से वार करके हत्या कर दी थी तथा हत्या करने के उपरांत आरोपी ने साक्ष्य मिटाने की नीयत से लाश को उनके फार्म हाउस में रखे एक संदूक में बंद कर दिया तथा उसकी गाड़ी (जिप्सी) एवं अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो गया था। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने उस समय पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी थी।
तब इस मामले में गठित स्पेशल स्टाफ टीम द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भिजवाया गया था। मामले की सुनवाई उपरांत अदालत द्वारा 05.03.2008 को मधुबन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि आरोपी 2011 में न्यायालय से जमानत पर जेल से बाहर आ गया, परंतु बाद में न्यायालय द्वारा उसकी जमानत रद्द करके उसकी पुनः गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। इसके बाद आरोपी गिरफ्तारी के भय से लगातार अपना ठिकाना बदल-बदलकर छिपता रहा और लंबे समय से फरार चल रहा था।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। इसी क्रम में अपराध शाखा सेक्टर-43 नरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम, जिसमें मुख्य सिपाही प्रवीण, सिपाही योगेंद्र, सिपाही प्रियंक तथा सिपाही अजीत शामिल थे ने आज सटीक सूचना एवं प्रभावी कार्रवाई करते हुए आरोपी मधुबन को गांव आटोहा जिला पलवल (हरियाणा) से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की।
आरोपी की यह गिरफ्तारी न केवल वर्ष-2006 के जघन्य हत्याकांड में न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गुरुग्राम पुलिस कानून से भागने वाले अपराधियों को किसी भी कीमत पर नही बख्शती। पुलिस द्वारा आरोपी को आज न्यायालय में पेश करके जेल भेजा गया है।



