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गुरुग्राम: साइब ठग हर दिन कोई ना कोई नया तरीका खोज निकालते हैं और लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम में सामने आया है। पुलिस ने गांव डुंडाहेड में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर के जरिए ऑनलाईन हर्बल सेक्सुअल दवाईयां बेचने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही थी। पुलिस टीम ने इस फर्जी कॉल सेंटर से 4 लड़कियों समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इनको किया गिरफ्तार
- अमनदीप निवासी मुलुंड कालोनी मालबार हिल रोड, मुंबई (महाराष्ट्र) वर्तमान निवासी यू ब्लॉक डीएनएफ फेज-3, गुरुग्राम।
- रंजीत कुमार निवासी नजदीक गत्ता फैक्ट्री महिपालपुर (दिल्ली)।
- मोहम्मद कासिम निवासी गांव छोटी कजरा जिला कटिहार (बिहार) वर्तमान निवासी गांव डुंडाहेडा (गुरुग्राम।
- प्रतुष कुमार मिश्रा निवासी गांव नौआ जिला श्रावस्ती (उत्तर-प्रदेश)।
- सुशील कुमार निवासी गांव राधोली जिला प्रतापगढ़ (उत्तर-प्रदेश)।
- बृजेश शर्मा निवासी गांव खासमऊ जिला फतेहपुर (उत्तर-प्रदेश)।
- अनूप कुमार निवासी गाँव कुतकपुर जिला फिरोजाबाद (उत्तर-प्रदेश)।
- राशिका राणा निवासी सूर्या विहार कापसहेड़ा (दिल्ली)।
- ईशा निवासी ब्लॉक-बी कुतुबविहार फेज-2 (दिल्ली)।
- सोनाली कनोजिया निवासी बिजवासन फ्लाईओवर के पास नजदीक बस स्टैन्ड (दिल्ली)।
- मेघा निवासी श्याम विहार, नजफगढ़ (दिल्ली)।
पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में धारा 318, 319, 612 बीएनएस और 66.डी आईअी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में बताया कि आरोपी अमनदीप और रणजीत इस कॉल सेंटर के संचालक हैं। जबकि, पकड़े गए अन्य आरोपियों को इन्होंने काम पर रखा हुआ है।
आरोपियों ने स्व. डॉ. राजीव दीक्षित के नाम से हर्बल सेक्सुअल दवाईयां ऑनलाईन बेचने के लिए फेसबुक पर द-वैदिक आयुर्वेदिक के नाम से पेज बनाया हुआ है, जिस पर ये लोग दवाइयों के एडवर्टीजमेंट पोस्ट करते थे। जब लोग एडवर्टीजमेंट में दिए हुए नंबरों पर संपर्क करते थे या फेसबुक पेज पर डिटेल डालते थे तो ये उन लोगों से ऑर्डर लेकर पैसे अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लेते थे और लोगों के पास नकली सामान भेज देते थे।
इसके अलावा ये उन लोगों से अलग-अलग चार्ज के नाम पर क्यूआर कोड/यूपीआइ आईडी के माध्यम से पैसे डलवाकर धोखाधड़ी से ठगी करने की वारदातों को अंजाम देते थे। पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि आरोपी पिछले करीब 9-10 महीनों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।
ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए आरोपियों को 18-20 हजार रुपए की सैलरी और ज्यादा सेल करने पर बोनस भी मिलता था। पुलिस ने आरोपियों द्वारा ठगी में प्रयोग किए जा रहे 2 लैपटॉप, 4 मोबाईल फोन व दवाइयां भी इनके कब्जे से बरामद की हैं।