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चंडीगढ़ : लिंगानुपात में सुधार के लिए हरियाणा सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार की मानें तो 2014 से अब तक कन्या भ्रूण हत्या के मामले में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत 1217 FIR दर्ज की गई हैं। सरकार का दावा है कि इस दौरान लिंगानुपात में भी काफी सुधार हुआ है।
कन्या भ्रूण हत्या से निपटने और गर्भधारण-पूर्व एवं प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कठोर कदम उठाये जा रहे हैं। 2014 से अब तक राज्य ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत कुल 1,217 FIR दर्ज की हैं।
इन कार्रवाइयों के कारण 4,000 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं, जिसमें लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या में शामिल डॉक्टरों, झोलाछाप डॉक्टरों और दलालों द्वारा की जाने वाली अवैध गतिविधियों को लक्षित किया गया है।
हरियाणा ने जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार के प्रति वर्ष दो अंकों की वृद्धि के लक्ष्य को सफलतापूर्वक पार किया है। वर्ष 2014 में लिंगानुपात 871 था, जिसमें राज्य ने 39 अंकों का उल्लेखनीय सुधार किया है, जिससे वर्ष 2024 में जन्म के समय लिंगानुपात 910 हो गया है।