बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को आगे बढ़ाने का आह्वान
नूंह, 6 फरवरी। अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों की सही सूचना देने पर सरकार द्वारा एक लाख रुपए का इनाम दिया जाता है तथा कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा रखा जाता है। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक व डॉक्टर द्वारा पहली बार गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर तीन साल की कैद और दस हजार रुपए जुर्माना तथा इसके बाद पुन: जुर्म करने पर पांच साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। पति, परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए एक्ट में पहले अपराध पर 50 हजार रुपए तक के जुर्माने के साथ तीन साल तक की कैद तथा इसके बाद पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपए तक जुर्माने के साथ पांच साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में निर्धारित है। आरोप तय होने पर डॉक्टर का मेडिकल रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया जाएगा। पहले अपराध के मामले में राज्य मेडिकल काउंसिल द्वारा डॉक्टर के मेडिकल पंजीकरण को पांच साल के लिए व अपराध के मामले में स्थायी रूप से मेडिकल पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि अब बालिका दिवस व महिला दिवस मनाने से कन्या भ्रूण हत्या समाप्त नहीं होगी। इसके लिए हम सबको मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे व बेटियों को बेटों के समान दर्जा देने लगेंगे उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है। बेटियों को आज घर की चारदीवारी से बाहर निकलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वह भी अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच बदलनी होगी।
प्रदीप सिंह मलिक ने बताया कि यदि कोई अल्ट्रासाउंड सेंटर भ्रूण हत्या व लिंग जांच की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो अल्ट्रासाउंड सेंटर का पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा और आरोपी के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई गर्भवती महिला नकली ग्राहक बनकर भ्रूण हत्या व लिंग जांच करने वालों को पकड़वाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करती है तो उस महिला को पचास हजार रुपए दिए जाते हैं तथा उसका नाम भी पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या महापाप है, जिसका कोई प्रायश्चित नहीं है। पुत्र की चाह में कई दंपत्ति भ्रूण लिंग परीक्षण कराकर कन्या भ्रूण होने पर गर्भपात जैसा जघन्य पाप कर देते हैं। बालिकाओं को जन्म लेने दें और उनका पालन पोषण अच्छे से करें। बेटियां किसी भी सूरत में बेटों से कम नहीं हैं, यह मानें। इसके लिए सभी को संकल्पित होना होगा। बेटियों को बचाना है और पढ़ाना है। लड़कियों का जन्म दर का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है, यह चिंता का विषय है। लड़कियां देश का भविष्य है इसलिए कन्या भ्रूण हत्या करना व करवाना पाप तथा कानून अपराध है। आज बेटियों ने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित कर अपने परिवार, समाज व देश का नाम रोशन किया है।



