नई दिल्ली : ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के चीन पर दिए गए बयान ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन को लेकर खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और अब समय आ गया है कि भारत अपने पड़ोसी देश को पहचानकर उसका सम्मान करे।
सैम पित्रोदा ने कहा, “मुझे नहीं पता कि चीन से क्या खतरा है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका को हमेशा एक दुश्मन की पहचान करनी होती है। चीन हर तरफ मौजूद है, वह आगे बढ़ रहा है। हमें इसे पहचानने और समझने की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा कि हर देश अपनी गति से विकास कर रहा है—कुछ तेजी से और कुछ धीरे। जो देश गरीब हैं, उन्हें तेज विकास की जरूरत है, जबकि विकसित देशों की आबादी बुजुर्ग होती जा रही है।
सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस ने तत्काल इस पर स्पष्टीकरण जारी किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, “श्री सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं। चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट भी शामिल है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि उनका रुख चीन को लेकर बिल्कुल अलग है और यह बयान सिर्फ सैम पित्रोदा की निजी राय है।
सैम पित्रोदा के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि “सैम पित्रोदा का बयान भारत की अस्मिता, कूटनीति और संप्रभुता पर गहरा आघात है। वह कह रहे हैं कि चीन से कोई विवाद नहीं है, यानी भारत ही आक्रामक मुद्रा में है? क्या यह गलवान में शहीद हुए जवानों का अपमान नहीं है? कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख का यह बयान न केवल निंदनीय है, बल्कि यह भारतीय सेना के बलिदान का घोर अपमान है।



