
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 12 अप्रैल।
स्थानः द्वारका एक्सप्रेव-वे
दिनः 11 अप्रैल
समयः शाम करीब 6 बजे
दृश्यः द्वारका एक्सप्रेस-वे पर जमीन से उखाड़ा पड़ा भारी भरकम साइन बोर्ड, उसके नीचे दबी एक सफेद कार। यह दृश्य अपने आप में ही काफी कुछ कह जाता है। आंधी इतनी तेज भी नहीं थी कि इतने भारी-भरकम साइन बोर्ड को एक झटके में ही गिरा देती। इसलिए इस साइन बोर्ड के गिरने का दोष आंधी पर नहीं मढ़ा जा सकता। अगर आंधी पर मढ़ा जा सकता था तो एक्सप्रेव-वे पर और भी निर्माण कार्य व साइन बोर्ड थे, वे भी धाराशाई हो जाते और सड़क पर दौड़ रहे सैकड़ों वाहन जिनमें कई हल्के वाहन भी शामिल थे, हवा में तैरते नजर आते। परंतु वहां पर ऐसा कोई नजारा नहीं था। इसका मतलब साफ-साफ है कि इस भारी भरकम साइन बोर्ड को लगाने के दौरान अनियमिता व लापरवाही बरती गई।
ऐसे में कई प्रश्न उठने लाजिमी है..
1. इस हादसे का दोषी कौन है!
2. क्या इस हादसे के दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होगी!
3. क्या इस हादसे से सबक लेते हुए संबंधित अॅथारिटी पूरे एक्सप्रेस-वे पर लगे ऐसे भारी भरकम साइन बोर्डों का सूक्षम निरीक्षण करेगी! ताकि किसी अन्य अप्रिय हादसे से बचा जा सके।
4. क्या ऐसे ही घटिया निर्माण कार्य विकसित भारत के सपने को पूरा होने देंगे!