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गुरुग्राम, 1 दिसंबर। सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रिंस हत्याकांड में जांच करने वाले पुलिसकर्मियों को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने पुलिसकर्मियों 9 दिसंबर तक चार्ज फ्रेम करने के आदेश दिए हैं। प्रिंस हत्याकांड में निर्दोष बस कंडक्टर को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिसकर्मियों ने सीबीआई अदालत से चार्ज फ्रेम करने पर रोक लगाने की मांग की थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने और उन्हें डिस्चार्ज करने की मांग वाली याचिका को 29 नवंबर को खारिज कर दिया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजीव गोयल की अदालत ने यह आदेश दिया है। जिसके बाद अब नौ दिसंबर को इन चारों आरोपी पुलिसकर्मियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे। अदालत ने अपने फैसले में यह गंभीर माना कि पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को न केवल गलत तरीके से मामले में फंसाया था, बल्कि उसे टॉर्चर भी किया गया था। इस मामले में तत्कालीन एसीपी बिरम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुभाष चंद आरोपी हैं।
इससे पूर्व इसी साल 13 जून को स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार यादव की अदालत ने इन चारों पुलिसकर्मियों पर गंभीर धाराओं में मामला चलाने की अनुमति दी थी। अदालत ने पाया था कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। इन धाराओं में शामिल हैं धारा 194 (किसी निर्दोष को फंसाने के इरादे से झूठे साक्ष्य देना), धारा 330 (कबूलनामा हासिल करने के लिए चोट पहुंचाना या जबरदस्ती करना), धारा 120-बी (आपराधिक साजिश रचना), धारा 166-ए (कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन न करना), धारा 167 (गलत दस्तावेज तैयार करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी देना)। न्यायालय ने इन सभी धाराओं के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए हैं, जिसका अर्थ है कि अब चारों पुलिसकर्मियों को इन आरोपों का सामना करना होगा।



