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गुरुग्राम, 23 अगस्त। गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर एक महिला समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में कोई 5वीं, कोई 7वीं पास है। आरोपी बैंक कर्मी और अधिकारी बनकर लोगों से साइबर ठगी करते थे। पुलिस ने इनके पास से 11 मोबाइल भी बरामद किए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 9 अगस्त को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण की पुलिस को एक लिखित शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया कि उसको एक मोबाइल कॉल आई थी। जिसमें उससे फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड में प्वाइंट रिडीम करने की बात कहकर एक फर्जी लिंक के माध्यम से उसके मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड करवाया गया था। उस ऐप के माध्यम से क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाकर और उससे ओटीपी पूछकर रुपये ट्रांसफर कर उसके साथ ठगी की गई।
मामले की जांच के दौरान थाना प्रभारी नवीन कुमार की पुलिस टीम ने इस मामले में कल देररात सेक्टर-30 में स्थित एक कॉल सेंटर पर छापेमारी करके आरोपियों को पकड़ा। जिनकी पहचान अंसार खान (उम्र 31 वर्ष, शिक्षा 5वीं), अहजाज (उम्र-27 वर्ष, शिक्षा 5वीं) दोनों निवासी जुरहेरा जिला भरतपुर (राजस्थान), निसार खान (उम्र-20 वर्ष, शिक्षा 7वीं) निवासी रामपुरा जिला अलवर (राजस्थान), योगेंद्र (उम्र-29 वर्ष, शिक्षा 12वीं) निवासी कर्मपुरा एफ ब्लॉक दिल्ली, सूरज कुमार (उम्र-26 वर्ष, शिक्षा 12वीं) रामपुरा भिवाड़ी जिला अलवर (राजस्थान) और सरिता (उम्र-25 वर्ष, शिक्षा 12वीं) निवासी शीतला खेत सरला रौतेला जिला अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के रुप में हुई।
पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को 23.08.2025 को उपरोक्त अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि इस कॉल सेंटर का मालिक अनुज है, जो कभी-कभी कॉल सेंटर पर आता है। अनुज द्वारा इस कॉल सेंटर को पिछले 3 महीने से संचालित किया जा रहा है। सभी आरोपी अनुज के बताए अनुसार लोगों को फोन करके उनसे संपर्क करते हैं और स्वयं को बैंक का कर्मचारी बताकर व क्रेडिट कार्ड को रिडीम करने का लालच देते हुए एक फेक ऐप का लिंक उन्हें भेज देते है, फिर उस ऐप को उनके फोन में इंस्टाल करवाकर उस ऐप में क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाते हैं और ओटीपी पूछकर उसके क्रेडिट कार्ड से रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। ये उन ट्रांसफर किए गए रुपये का पेट्रो कार्ड खरीदकर टैक्सी ड्राइवरों को बेच देते हैं, फिर उन रुपये को नकदी में बदलकर प्राप्त कर लेते। आरोपी इसके बदले में ट्रांसफर होने वाली राशि का 10 प्रतिशत कमीशन लेते थे।
पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 11 मोबाइल बरामद किए हैं।