
बेटे-बहू चप्पलों से मारेंगे तो जीने से अच्छा मरना है…
67 वर्षीय बुजुर्ग कुबेरनाथ शर्मा की मौत का रहस्य खुला
सुसाइड नोट ने खोला रहस्य
22 फरवरी को 5वीं मंजिल से लगाई थी छलांग
शिक्षिका बहू व निजी कंपनी में कार्यरत बेटे के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस की कार्यशैली पर भी लगा प्रश्नचिन्ह
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 6 मार्च। यह तस्वीर 67 वर्षीय बुजुर्ग कुबेरनाथ शर्मा की है। जिन्होंने 22 फरवरी को ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 87 स्थित रॉयल हिल्स सोसाइटी की पांचवीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। निजी कंपनी में कार्यरत बेटे ने पुलिस को बताया था कि उनके पिता बीमार रह रहे थे और इसी परेशानी में उन्होंने आत्महत्या कर ली। जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया था। अब सुसाइड नोट के सामने आने से इस मामले में नया मोड़ आ गया है। सुसाइड नोट में बुजुर्ग शर्मा ने लिखा है कि बेटे-बहू चप्पलों से मारेंगे तो जीने से अच्छा मरना है। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में बेटे और पेशे से शिक्षिका बहू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह उठ रहे हैं, क्योंकि सुसाइड नोट पोस्टमार्टम के दौरान ही मिल गया था। तब दस दिन तक पुलिस क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठी रही यह एक बड़ा यक्ष प्रश्न है।
कुबेरनाथ शर्मा जो कि अपनी पत्नी, अपने बेटे शैलेश कुमार शर्मा, पुत्रवधू आकांक्षा और अपने छोटे पोते के साथ फ्लैट नंबर ए /2-502 में किराए पर पिछले 4 साल से रह रहे थे। जिनकी बीते 22 फरवरी को फ्लैट की पांचवी मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। इस मामले में बेटे शैलेश ने पुलिस को बयान दर्ज कराए थे कि उनके पिता बीमार रहते थे और वह बीमारी के चलते परेशान चल रहे थे। जिसकी वजह से उन्होंने पांचवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली है। जिसके बाद पुलिस ने बेटे के बयान पर शव पोस्टमार्टम करा कर उनके हवाले कर दिया था। लेकिन पुलिस तलाशी में मिले सुसाइड नोट से यह खुलासा हुआ जिसमें कुबेरनाथ ने लिखा था कि बेटे और बहू चप्पलों से मारेंगे तो जीने से अच्छा मरना है, इसमें किसी का दोष नहीं है सब ऊपर वाले की मर्जी है।
वहीं, तिगांव थाना प्रभारी संग्राम सिंह ने बताया की घटना बीते 22 फरवरी की है। शाम 4 बजे पुलिस को निजी अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक बुजुर्ग ने रॉयल्स हिल्स सोसायटी की पांचवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली है। जिसका पोस्टमार्टम करने के दौरान जेब से मिले सुसाइड नोट से यह खुलासा हुआ था कि बुजुर्ग ने बेटे और बहू की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की थी। फिलहाल इस मामले में बेटे और बहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी के मुताबिक सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मैच कराने के बाद जो भी कार्रवाई होगी वह अमल में लाई जाएगी।
बता दें की घटना बीते 22 फरवरी की है। एफआईआर में पुलिस ने लिखा है कि निजी अस्पताल में शव की तलाशी के दौरान ही सुसाइड नोट बरामद कर लिया था, लेकिन फिर भी पुलिस ने मृतक के बेटे के बयान पर उसके पिता का पोस्टमार्टम क्यों करवाया और अब 10 दिन बाद पुलिस ने उसी सुसाइड नोट को आधार बनाकर बेटे और बहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज क्यों किया है। यह प्रश्न पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़े करते हैं।