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फरीदाबाद न्यूज़, 24 मार्च। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के नेशनल हाइवे नंबर 19 पर स्थित गांव अजरौंदा के पास रात को राह चलता एक युवक अचानक खुले सीवर के मेनहोल जा गिरा। यह सब इतना अचानक हुआ की पीछे-पीछे आ रहे उसके माता-पिता को कुछ पता ही नहीं चल पाया। जब उन्हें अपना बेटा नहीं दिखा तो वे उसे खोजने लगे। तभी एक युवक ने उन्हें हादसे के बारे में बताया। जिसके बाद घबराए मां-बाप ने अन्य लोगों की मदद से अपने बेटे को मेनहोल से बाहर निकाला। युवक को कई जगह चोट लगी हुई थी। परंतु गनीमत रही की समय रहते उसे बाहर निकाल लिया गया अन्यथा उसकी जान भी जा सकती थी।
घायल अनंत अग्रवाल ने बताया कि वह अपने पिता के साथ पैदल ही जा रहा था, तभी अंधेरा होने के चलते खुले मैनहोल को नहीं देख पाया और अचानक से वह सीवर में गिर गया। इसके बाद उसने शोर मचाया और राह चलते युवकों ने उनके पिता को बताया कि उनका बेटा सीवर में गिर गया है। इसके बाद उसके पिता ने समय रहते उसे मैनहोल से बाहर निकाल लिया। अनंत ने बताया कि उसे इस हादसे में काफी चोट आई है। उसने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते उसकी जान भी जा सकती थी। अनंत ने कहा कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बताया जाता है, लेकिन नेशनल हाइवे नंबर 19 पर ही मैनहोल खुले हुए हैं और लाइट न होने के चलते वह हादसे का शिकार हो गया। जिसके चलते उनकी जान जाते-जाते बची। यदि उसके साथ कोई हादसा होता तो नगर निगम और उसके अधिकारी ही इस हादसे का जिम्मेदार होते।
अनंत के पिता महेश अग्रवाल ने कहा कि उनका बेटा उनके आगे आगे ही चल रहा था कि अचानक से गायब हो गया। राह चलते युवकों ने बताया कि उनका बेटा खुले मैनहोल में गिर गया है। जिस वजह से समय रहते उन्होंने अपने बेटे को बाहर निकाल लिया। महेश अग्रवाल ने कहा कि कुछ देर और वह अपने बेटे को नहीं देख पाते तो शायद उसकी जान जा सकती थी। इसको लेकर महेश अग्रवाल ने फरीदाबाद के नगर निगम के अधिकारियों के साथ-साथ उन नेताओं को भी दोषी ठहराया जो फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा देते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते आज उनके बेटे की जान जाते-जाते बची है।
हालांकि, इस हादसे के बाद मौके पर आए लोगों ने ही सीवर के मैनहोल को ढक दिया, ताकि कोई और इस हादसे का शिकार न होने पाए। लेकिन यदि हादसे में युवक की जान चली जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता!