
झज्जर: स्वास्थ्य विभाग की पीएनडीटी टीम ने अवैध लिंग जांच कराने वाले एक एजेंट को 20,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी झज्जर और आसपास के इलाकों में गर्भवती महिलाओं की अवैध लिंग जांच करवाने का धंधा चला रहा था। सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप सिंह को सूचना मिली थी कि साहिब पुत्र जब्बार खान नामक व्यक्ति मोटी रकम लेकर लिंग जांच का सौदा कर रहा है।
इस जानकारी की पुष्टि के लिए जिला समुचित प्राधिकरण झज्जर ने पीएनडीटी टीम का गठन किया। टीम में नोडल अधिकारी डॉ. संदीप दलाल, डॉ. बसंत दूबे, डॉ. कनुप्रिया और विनोद शामिल थे।
24 फरवरी को एक महिला, उसके पति और पुलिस हेड कांस्टेबल रीना (जो महिला की ननद बनी) को प्रलोभन ग्राहक बनाकर तावडू के बिलासपुर चौक भेजा गया। एजेंट साहिब ने उन्हें बरेजा कार में बैठाकर पहले अरावली हॉस्पिटल तावडू ले जाकर रेफरल स्लिप बनवाई और फिर ओम अल्ट्रासाउंड सेंटर ले गया।
वहां 1,000 रुपये अल्ट्रासाउंड फीस जमा कराने के बाद एजेंट ने बताया कि गर्भ में लड़का है। इसके बदले उसने महिला के पति से 20,000 रुपये ले लिए। यह पूरी बातचीत महिला हेड कांस्टेबल रीना ने रिकॉर्ड कर ली। जैसे ही एजेंट ने पैसे लिए, महिला का पति पानी लेने के बहाने बाहर निकला और पास में खड़ी पीएनडीटी टीम को इशारा किया। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए साहिब को 20,000 रुपये के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।
इसके बाद टीम ओम अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंची, जहां नूंह पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. आशीष और स्थानीय पुलिस ने भी कार्रवाई में सहयोग किया। रिकॉर्ड में अनियमितताएं पाए जाने पर सेंटर की अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया। सेंटर के मालिक डॉ. सचिन कटारिया और स्टाफ से पूछताछ की गई और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए जिला समुचित प्राधिकरण नूंह को सूचना दी गई।
पुलिस ने आरोपी साहिब को गिरफ्तार कर पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अगर जांच में अरावली हॉस्पिटल और डॉ. सचिन कटारिया की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए।